अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जब भी कोई खिलाड़ी ओपनिंग बल्लेबाजी करता है, तो वह सबसे ज्यादा रन बनाता है, और उस खिलाड़ी के ऊपर काफी बड़ा दारोमदार रहता है। एक सलामी बल्लेबाज ही टीम के बल्लेबाजी की नींव रखता है। अगर टीम बड़ा स्कोर खड़ा करती है, तो उसमें सलामी बल्लेबाज का योगदान काफी बड़ा रहता है। मौजूदा समय में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की टीमें सबसे ज्यादा ताबड़तोड़ सलामी बल्लेबाजों को मौका दे रही है, क्योंकि शुरुआती के ओवरों में तेज गति से रन बनाने के बाद टीम के अन्य बल्लेबाजों के ऊपर दबाव कम रह रहा है। आज इस खबर के माध्यम से हम आपको अंतरराष्ट्रीय भारतीय क्रिकेट टीम के 3 खिलाड़ियों के नाम बताएंगे जिन्हें और सलामी बल्लेबाज के रूप में ज्यादा मौका मिला होता तो सबसे ज्यादा रन बनाते।
सुरेश रैना- भारतीय क्रिकेट टीम के बाएं हाथ के ऑलराउंडर खिलाड़ी सुरेश रैना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारतीय टीम के लिए सबसे ज्यादा मध्यक्रम में बल्लेबाजी किए हैं। ऐसे में अगर सुरेश रैना को सलामी बल्लेबाज के रूप में मौका मिलता तो वे एक बेहतरीन बल्लेबाज बनकर उभरते। सुरेश रैना मध्यक्रम में भी भारतीय टीम की नैया अकेले बल्लेबाजी करते हुए पार लगा चुके हैं। सुरेश रैना मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हुए भारतीय वनडे क्रिकेट टीम के लिए 226 मुकाबले खेलते हुए 5615 रन बनाए हैं। इस दौरान रैना के बल्ले से कुल 5 शतकीए और 36 अर्धशतकीय पारियां निकली।
अंबाती रायडू- भारतीय क्रिकेट टीम के दूसरे खिलाड़ी अंबाती रायडू को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ज्यादा मौके नहीं मिले। कई बार अंबाती रायडू घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के बाद टीम में चुने गए लेकिन टीम की राजनीति का शिकार होते गए। अंबाती रायडू भी काफी लंबे समय तक घरेलू इंटरनेशनल क्रिकेट में मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में बल्लेबाजी किए। आईपीएल में अंबाती रायडू जब चेन्नई सुपर किंग्स की टीम के लिए क्रिकेट खेले तो महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें बतौर सलामी बल्लेबाज भी अपनाया और यह कारगर भी साबित हुआ। ऐसे में रायडू को अगर भारत इंटरनेशनल क्रिकेट टीम में ज्यादातर मौके सलामी बल्लेबाज के रूप में मिले होते तो वे भी एक बेहतरीन क्रिकेटर बनते।
युवराज सिंह- भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व बाएं हाथ के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर क्रिकेटर में से एक युवराज सिंह भी जब से क्रिकेट खेलना शुरू किए तो, मिडिल ऑर्डर में हीं बल्लेबाजी किए। युवराज सिंह के की बदौलत भारतीय टीम साल 2011 के विश्व कप के फाइनल का खिताब जीता। क्योंकि उस विश्वकप के दौरान युवराज सिंह ने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। युवराज सिंह अपने वनडे क्रिकेट कैरियर के दौरान मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते हुए 8701 रन बनाए थे। अगर युवराज सिंह को सलामी बल्लेबाज के रूप में मौका मिला होता तो वे अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में 20000 से ज्यादा रन बनाते।
लेकिन टीम के चयनकर्ता उन्हें मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में ही मौके दिए। युवराज सिंह एक ऑलराउंडर खिलाड़ी के साथ-साथ भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन क्षेत्र रक्षक भी रहे। युवराज सिंह बल्लेबाजी गेंदबाजी के साथ-साथ क्षेत्ररक्षण में भी काफी धमाकेदार प्रदर्शन किए हैं। युवराज सिंह के द्वारा भारतीय टीम के लिए किए गए कारनामे को पूरी दुनिया याद करती है।