मौजूदा समय में भारतीय टीम के कप्तान रोहित शर्मा की उम्र काफी ज्यादा हो चुकी है। ऐसे में रोहित शर्मा आने वाले दो-तीन सालों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले सकते हैं। रोहित शर्मा की मौजूदा उम्र 35 साल की है, और उनकी ढलती उम्र के चलते उनके प्रदर्शन में भी काफी गिरावट आया है। वहीं भारतीय क्रिकेट टीम के दूसरे विकेटकीपर बल्लेबाज लोकेश राहुल की मौजूदा समय उम्र 30 वर्ष की है, लेकिन लोकेश राहुल सलामी बल्लेबाजी का जिम्मा छोड़कर मध्यक्रम में बल्लेबाजी कर रहे हैं। ऐसे में पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग ने इन दोनों खिलाड़ियों के लिए बड़ा बयान जारी किया है। वीरेंद्र सहवाग का कहना है कि इन दोनों खिलाड़ियों की जगह भारतीय टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत और पृथ्वी शॉ प्रमुख विकेटकीपर बल्लेबाज होंगे।
वीरेंद्र सहवाग ने अपने बयान में इन दोनों खिलाड़ियों का जिक्र करते हुए कहा कि छोटे कद के खिलाड़ी पृथ्वी शॉ की बल्लेबाजी शैली पूरी तरह से मिलती है। पृथ्वी शॉ ने जब से भारतीय अंतरराष्ट्रीय टीम को ड्रॉ’प किया है उसके बाद उसने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में एक भी मुकाबला नहीं खेला है। लेकिन पिछले 2 सालों में पृथ्वी शॉ अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं खेलने की वजह से घरेलू क्रिकेट में काफी बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। हाल ही में पृथ्वी शॉ ने घरेलू क्रिकेट के टेस्ट क्रिकेट फॉर्मेट में तिहरा शतक बनाकर भारतीय टीम के चयनकर्ताओं का ध्यान अपनी ओर खींचा है। इसके चलते पृथ्वी शॉ का चयन भारतीय टीम में हुआ भी है।
लेकिन मैं पृथ्वी शॉ को भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम का प्रमुख सलामी बल्लेबाज बनते देखना चाहता हूं ताकि टेस्ट क्रिकेट का वजूद कुछ और वर्षों तक जिं’दा रहे। पृथ्वी शॉ जैसे ही खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट को आगे लेकर जा सकते हैं। पृथ्वी शॉ के पास ऐसी काबिलियत है, कि वे टेस्ट क्रिकेट में भी T20 क्रिकेट जैसी बल्लेबाजी करते हुए तेज गति से रन बना सकते हैं। जिससे दर्शकों का खूब मनोरंजन होगा। ऐसा कारनामा पृथ्वी शॉ ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पहले भी कई बार किया है और घरेलू क्रिकेट में कई वर्षों से करते आ रहे हैं। इसलिए मैं बातौर क्रिकेट विशेषज्ञों भारतीय टीम क्रिकेट मैनेजमेंट को यह सलाह देना चाहूंगा कि पृथ्वी शॉ जैसे खिलाड़ियों पर ज्यादा से ज्यादा फोकस किया जाए।
पृथ्वी शॉ के अलावा भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के सबसे बेहतरीन मौजूदा समय के विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत को भी मिडिल ऑर्डर से हटाकर ओपनिंग बल्लेबाजी का जिम्मा दिया जाना चाहिए। क्योंकि ऋषभ पंत जैसा बल्लेबाज टेस्ट क्रिकेट में तेज गति से रन बनाकर पूरे मुकाबले का रुख अपनी तरफ पलटने का मा’द्दा रखता है। मैं ऋषभ पंत का बल्लेबाजी काफी करीब से देखा हूं। टेस्ट क्रिकेट में ऋषभ पंत स्पिन गेंदबाजों के ऊपर तेज गति से रन बनाकर विपक्षी टीम के ऊपर दबाव डालने में माहिर है। ऐसे में भारतीय टीम मैनेजमेंट को इन दोनों नौजवान युवा खिलाड़ियों पर ध्यान देना चाहिए।
वीरेंद्र सहवाग ने अपने बयान में आगे वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का भी जिक्र किया और बोले कि भारतीय टीम को टेस्ट क्रिकेट में ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी करने के लिए इन दोनों खिलाड़ियों के अलावा एक और खिलाड़ी को रिजर्व में रखना चाहिए। ताकि जब ये दोनों खिलाड़ी तेज गति से रन बनाए, तो विपक्षी टीम के पास इन दोनों खिलाड़ियों को जवाब देने के लिए कोई भी ऑप्शन मौजूद नहीं रहे। मेरी नजर में टेस्ट क्रिकेट, वनडे क्रिकेट, 20-20 क्रिकेट एक समान है। क्योंकि मैं तीनों फॉर्मेट में खिलाड़ियों को एक जैसा बल्लेबाजी करने का सलाह देता हूं, ताकि विपक्षी टीम का कोई भी गेंदबाज आपके ऊपर दबाव नहीं बना पाए।