वनडे क्रिकेट में 455 रन लगने की कल्पना भला कौन सी टीम कर सकती है, लेकिन ऐसा हुआ भी और जीत भी बहुत शानदार ही मिली। इस मैच के आंकड़े आपके होश उड़ाने के लिए काफी है।
वनडे क्रिकेट में एक वक्त ऐसा था जब कोई टीम 300 का आंकड़ा पार करती थी तो उसका जीत सुनिश्चित हो जाता था, लेकिन 400 रन बनाने के लिए टीम सोचती भी नहीं थी। हालांकि आज के दौर में बहुत ही हाई स्कोरिंग मैच देखने को मिल रहे हैं लेकिन कोई टीम 455 रन बनाए इस पर यकीन करना इतना आसान नहीं होता। लेकिन हम आपको एक ऐसे ही मुकाबले के बारे में बताने जा रहे हैं जिसमें एक टीम 455 रन बनाई और विपक्षी टीम को 89 रन पर समेटकर 369 रनों से आश्चर्यजनक जीत हासिल की, यह कारनामा 18 जून को हुआ था।
आईसीसी ट्रॉफी के 18 जून 1986 को खेले गए इस मैच में जो दो टीमें आमने-सामने थी। उसमें पपुआ न्यू गिनी और जिब्राल्टर के नाम है। इस यादगार मैच में पपुआ न्यू गिनी यानी पीएनजी की टीम ने अपने निर्धारित 50 ओवर में 9 विकेट खोकर 455 रनों का विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। पीएनजी के लिए तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए हैरी ने शानदार 127 रनों की पारी खेली तो वहीं ओपनर चार्ल्स एमिनी ने 97 रन बनाए और पीएनजी के कप्तान ने भी 69 रनों का योगदान दिया। रेनागी जोकि अंत तक बल्लेबाजी किए और नॉट आउट वापस गए, उनका भी योगदान 60 रनों का था। वहीं जिब्राल्टर की गेंदबाजों की बात की जाए तो गैरी डीएथ ने 5 विकेट झटके, तो वहीं डब्ल्यूटी स्कॉट ने 3 बल्लेबाजों को चलता किया।
जिब्राल्टर की टीम ने पीएनजी के सामने खुद को कर दिया पूरा सरेंडर
अब बारी जिब्राल्टर की थी कि वह पपुआ न्यू गिनी को टक्कर दे सके जिसके लिए उसे ठोस शुरुआत की जरूरत थी लेकिन हुआ कुछ बिल्कुल विपरीत। जिब्राल्टर की टीम की तरफ से मात्र तीन ही बल्लेबाज दहाई का आंकड़ा पार कर सके। सिर्फ 86 रन के स्कोर पर जिब्राल्टर की टीम पवेलियन वापस लौट गई, जिसमें सबसे ज्यादा 30 रन एसजे परेज के बल्ले से आए।
पीएनजी की तरफ से डब्लू महा 6 ओवर में 12 रन देकर 5 विकेट हासिल किए, तो वहीं जी रावू के खाते में चार विकेट गए। इस तरह पापुआ न्यू गिनी की टीम ने इस मैच को 369 रनों के विशाल अंतर से अपने नाम कर लिया।