अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के कुछ ऐसे बड़े दिग्गज सितारे हैं, जो अपने क्रिकेट कैरियर का अचानक से समापन कर दिए। जैसे कि पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट और वनडे क्रिकेट कैरियर से बिना किसी को बताए और बिना किसी फेयरवेल मुकाबले के ही सन्यास ले लिए। अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के कई खिलाड़ियों को उनकी खराब खेल की वजह से भी आलोचनाओं का शिकार होना पड़ता है, और वे मीडिया के दबाव में आकर सन्यास का घोषणा कर देते हैं। इन खिलाड़ियों को मीडिया के दबाव के साथ-साथ ऐसे भी काफी दबाव का सामना करना पड़ता है। मौजूदा समय सोशल मीडिया का है, और फैंस सोशल मीडिया के माध्यम से खिलाड़ियों को काफी कुछ ज्ञान दे देते हैं। जब भी किसी खिलाड़ी का प्रदर्शन खराब होता है, तो उस खिलाड़ी को काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ता है।
अगर कोई खिलाड़ी लगातार चार पांच मुकाबलों में फ्लॉप होता है, तो उस खिलाड़ी को फैंस और मीडिया की तरफ से काफी दबाव दिया जाता है। फैंस और मीडिया के साथ-साथ टीम मैनेजमेंट की तरफ से भी उन खिलाड़ियों पर दबाव बनाया जाता है, कि आप अच्छा प्रदर्शन कीजिए नहीं तो आपको टीम से बाहर किया जा सकता है। चाहे वह खिलाड़ी टीम का कप्तान ही क्यों ना हो उस खिलाड़ी को भी अच्छा प्रदर्शन नहीं किए जाने की वजह से बाहर किया जा सकता है। आज इस खबर के माध्यम से हम आपको ऐसे 5 भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जो फैंस और मीडिया के वजह से अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कैरियर का समापन किए।
वीवीएस लक्ष्मण- भारतीय टेस्ट क्रिकेट इतिहास के कलाई के जादूगर कहे जाने वाले पूर्व भारतीय खिलाड़ी और मौजूदा समय के कॉमेंटेटर वीवीएस लक्ष्मण अपने टेस्ट क्रिकेट कैरियर के दौरान साल 2011 में इंग्लैंड दौरे पर गए थे। उस टेस्ट सीरीज के दौरान वीवीएस लक्ष्मण 4 मुकाबले खेलते हुए मात्र 182 रन बना पाए थे। इसके बाद साल 2011-12 के ऑस्ट्रेलियाई टीम के साथ हुए इस सीरीज के दौरान भी वीवीएस लक्ष्मण के बल्ले से चार टेस्ट मुकाबले में मात्र 156 रन निकले थे। इन दोनों टेस्ट सीरीज में वीवीएस लक्ष्मण द्वारा खराब प्रदर्शन किए जाने की वजह से उनके ऊपर फैंस और मीडिया की तरफ से काफी दबाव बन गया था। सीरीज के बाद वीवीएस लक्ष्मण अचानक से सन 2012 में न्यूजीलैंड की सीरीज के बाद संन्यास की घोषणा कर दिए।
अनिल कुंबले- भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन स्पिन गेंदबाज अनिल कुंबले क्रिकेट के लिए काफी बेहतरीन रहे। लेकिन अनिल कुंबले अपने क्रिकेट कैरियर के अंतिम दिनों में काफी संघर्ष करते दिखे। अनिल कुंबले अपने क्रिकेट कैरियर के पांच पारियों में से चार पारियों में एक भी विकेट नहीं चटका पाए थे। जिसके चलते अनिल कुंबले को अपने क्रिकेट कैरियर के दौरान सन्यास लेने के समय काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। और साल 2008 की ऑस्ट्रेलियाई सीरीज के तुरंत बाद ही कुंबले अपने क्रिकेट कैरियर का समापन कर दिए।
सौरव गांगुली- अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में दादा के नाम से मशहूर पूर्व भारतीय बाएं हाथ के बेहतरीन सलामी बल्लेबाज और महान कप्तान अनिल कुंबले भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के अध्यक्ष पद पर विराजमान है। सौरव गांगुली का क्रिकेट कैरियर काफी शानदार रहा लेकिन साल 2008 में सौरव गांगुली श्रीलंकन टीम के खिलाफ हुए एक टेस्ट सीरीज के दौरान रन बनाने में नाकामयाब रहे। जिसके चलते उनके फैंस और मीडिया के तरफ से उन्हें काफी दबाव का सामना करना पड़ा। सन 2008 में ऑस्ट्रेलिया की सीरीज के तुरंत बाद ही सौरव गांगुली ने अपने क्रिकेट कैरियर का समापन कर दिए।
सचिन तेंदुलकर- अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भगवान का दर्जा पा चुके पूर्व भारतीय खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर क्रिकेट कैरियर के दौरान 100 शतक बनाए थे। सचिन तेंदुलकर भारतीय टीम के लिए 24 सालों तक क्रिकेट खेले थे। सचिन तेंदुलकर के क्रिकेट कैरियर के दौरान सन 2011 में वनडे क्रिकेट विश्व कप का खिताब जीतने तक सब कुछ सही चल रहा था। लेकिन उसके बाद सचिन तेंदुलकर की फॉर्म बेहद खराब हो गई। सचिन तेंदुलकर अपने क्रिकेट कैरियर के अंतिम 40 पारियों के दौरान एक भी शतक नहीं बना पाए थे। जिसके चलते, फैंस की तरफ से उनके ऊपर काफी ज्यादा दबाव बनाया गया था। इसके बाद सचिन तेंदुलकर साल 2013 में वेस्टइंडीज की टीम के खिलाफ हुई टेस्ट सीरीज के दौरान अपने क्रिकेट कैरियर का फेयरवेल मुकाबला खेलते हुए सन्यास लिए।
युवराज सिंह- भारतीय क्रिकेट टीम के खब्बू ऑलराउंडर खिलाड़ी युवराज सिंह के क्रिकेट कैरियर के शुरुआती 10 साल बेहद शानदार रहा। युवराज सिंह के क्रिकेट कैरियर में साल 2011 का विश्व कप जीतने तक सब कुछ सही चल रहा था। लेकिन साल 2011 के विश्व कप के बाद उनकी तबीयत खराब हुई, और वे जब दोबारा भारतीय टीम में वापसी किए उनकी फॉर्म बेहद खराब हो गई थी। कई भारतीय फैंस का यह मानना है कि साल 2016 का T20 विश्व कप का खिताब भारतीय टीम युवराज सिंह के चलते ही हारी। अपनी खराब फॉर्म की वजह से अपने क्रिकेट कैरियर के अंतिम दिनों में युवराज सिंह को भी मीडिया की तरफ से काफी दबाव का सामना करना पड़ा और अंततः उन्हें सन्यास लेना पड़ा।