भारतीय क्रिकेट टीम के बेहतरीन ऑलराउंडर खिलाड़ी और धाकड़ क्षेत्ररक्षक सुरेश रैना अब केवल घरेलू क्रिकेट में क्रिकेट खेल रहे है। सुरेश रैना भारतीय टीम के साल 2007 के t20 विश्व कप और सन 2011 की विश्व कप की टीम का हिस्सा रह चुके हैं। आईपीएल के समाप्त हुए पिछले 14 संस्करण में सुरेश रैना का प्रदर्शन बेहद सराहनीय रहा। लेकिन आईपीएल के 15 वें संस्करण में सुरेश रैना को कोई भी टीम नहीं खरीदी और भी अनसोल्ड रहे। इसका सबसे बड़ा कारण सुरेश रैना की बढ़ती उम्र और खराब फॉर्म है। आईपीएल में किसी भी टीम द्वारा नहीं खरीदे जाने के चलते सुरेश रैना काफी मायूस थे, और मीडिया के सामने अपना भाव प्रकट कर रहे थे।
ऐसे में सुरेश रैना मौजूदा समय में सबसे ज्यादा समय सोशल मीडिया पर व्यतीत कर रहे हैं, और फैंस के सवालों का जवाब दे रहे हैं। हाल ही में सुरेश रैना पिछले कई वर्षों से भारतीय टीम द्वारा कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाने का सबसे बड़ा कारण मीडिया और फैंस के सामने प्रस्तुत किया। Suresh Raina रैना भारतीय टीम द्वारा पिछले कई वर्षो से कोई भी आईसीसी ट्रॉफी नहीं जीत पाने के पीछे कुछ मुख्य कारण बताए। सुरेश रैना द्वारा बताए गए सबसे बड़े कारण में पहला कारण यह रहा कि,
टीम के पास हर एक मुकाबले के लिए दो ऑलराउंडर खिलाड़ी होने चाहिए। सुरेश रैना अपने बयान में बोले कि भारतीय टीम साल 2007 का T20 विश्व कप और साल 2011 का वनडे विश्व कप तथा सन 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल खिताब ऑल राउंडर खिलाड़ियों की वजह से ही जीत पाई। टीम में पांच महत्वपूर्ण गेंदबाजों के साथ-साथ छठे और सातवें नंबर पर गेंदबाजी करने वाला ऑलराउंडर खिलाड़ी टीम को अच्छा बैलेंस देता है। ऐसे में टीम में जब ऑलराउंडर खिलाड़ी खेलते हैं तो छठे गेंदबाज की कमी नहीं खलती। ऑलराउंडर खिलाड़ी ज्यादातर मौकों पर गेंदबाजी करने के साथ-साथ फिनिशर बल्लेबाज का भूमिका अदा करते हैं।
मैं अपने क्रिकेट करियर के दौरान सबसे बड़ी चीज यह अनुभव किया, कि ऑलराउंडर खिलाड़ी टीम को हारे हुए मुकाबले में भी जीत दिला सकते हैं। जब मैं टीम में शामिल था तो मेरे साथ मेरे सहयोगी खिलाड़ी युवराज सिंह टीम में क्रिकेट खेल रहे थे, और हम दोनों खिलाड़ी टीम को अच्छा बैलेंस कर रहे थे। सुरेश रैना अपने बयान में आगे बोले कि सन 2011 का विश्व कप भारतीय टीम युवराज सिंह और ऑलराउंडर खिलाड़ी यूसुफ पठान यह दोनों खिलाड़ी टीम को अच्छा बैलेंस किए थे, जिसके चलते भारतीय टीम खिताब जीत पाई। इन दोनों खिलाड़ियों के साथ-साथ मैं तीसरे नंबर पर ऑलराउंडर खिलाड़ी के रूप में टीम में शामिल था।
ऐसे में तीन ऑलराउंडर खिलाड़ी होने की वजह से टीम की बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में काफी गहराई थी। सुरेश रैना भारतीय टीम को सुझाव देते हुए, बोले कि भारतीय टीम मैनेजमेंट को ऑलराउंडर खिलाड़ियों पर ज्यादा भरोसा दिखाना चाहिए। टीम मैनेजमेंट को रिजर्व ऑलराउंडर खिलाड़ी के रूप में हमेशा तीन से चार खिलाड़ियों को लगातार मौके देना चाहिए। ऐसे में जब खिलाड़ियों को लगातार मौका मिलता है, तो उनका कॉन्फिडेंस काफी ऊंचा रहता है, और वे अपना बेहतरीन प्रदर्शन करने में सफल होते हैं।
आने वाले दो-तीन सालों में भारतीय टीम को लगातार विश्व कप के मुकाबले खेलने हैं, भारतीय टीम मैनेजमेंट सुरेश द्वारा दिए गए सुझाव पर जरूर अमल करना चाहेगी। हम आपको बताना चाहते हैं, भारतीय टीम विराट कोहली की कप्तानी में लगातार चार आईसीसी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद भी एक भी खिताब नहीं जीत पाई है। महेंद्र सिंह धोनी के T20 और वनडे टीम से कप्तानी छोड़ने के बाद भारतीय टीम की कमान संभालने वाले खिलाड़ी विराट कोहली की कप्तानी में सबसे पहले भारतीय टीम साल 2017 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब खेली थी। जिसमें फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम को पाकिस्तानी टीम के हाथों करारी हार झेलनी पड़ी थी।
इसके बाद साल 2019 में विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम पहली बार आईसीसी वनडे विश्वकप का खिताब खेली थी। भारतीय टीम लीग मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल फाइनल में जगह बनाई। सेमीफाइनल में भारतीय टीम को न्यूजीलैंड की टीम के हाथों 18 रनों से हार का सामना करना पड़ा था। साल 2019 का वनडे विश्वकप का खिताब इंग्लैंड की टीम जीती थी। इसके बाद साल 2021 में भारतीय टीम आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल मुकाबले में न्यूजीलैंड की टीम के हाथों 8 विकेट से हार गई थी।
इसके बाद साल 2021 में हुए टी-20 विश्व कप के दौरान भी भारतीय टीम का प्रदर्शन बेहद खराब रहा, और विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम आखिरी बार T20 मुकाबला खेली थी। ऐसे में विराट कोहली की कप्तानी में आईसीसी द्वारा आयोजित चार ट्रॉफी में भारतीय टीम अच्छा प्रदर्शन करते हुए भी खिताब जीतने में असफल हुई। मौजूदा समय में भारत की टीम के नए कप्तान रोहित शर्मा बने हैं, अब यह देखना जी बहुत ही दिलचस्प होगा कि उनकी कप्तानी में भारतीय टीम एक भी आईसीसी का खिताब जीत पाती है, या नहीं।