भारतीय क्रिकेट टीम को युवराज सिंह के रूप में एक बहुत ही धमाकेदार ऑलराउंडर खिलाड़ी मिला था। युवराज सिंह मौजूदा समय में क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट से संन्यास ले चुके हैं। युवराज सिंह के जैसा और ऑलराउंडर खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम को और कोई नहीं मिल पाया है। युवराज सिंह तेज तर्रार क्षेत्ररक्षण, धमाकेदार बल्लेबाजी और बेहतरीन गेंदबाजी करने में सक्षम थे। युवराज सिंह ने भारतीय टीम को साल 2011 का विश्व कप जिताने में काफी बड़ा योगदान दिया था। युवराज सिंह का क्रिकेट कैरियर लगभग 17 सालों तक चला।
भारतीय क्रिकेट टीम की पूर्व खब्बू ऑलराउंडर खिलाड़ी युवराज सिंह आज 14 सालों के बाद मीडिया के सामने एक बहुत बड़ा बयान दिए। युवराज सिंह अपने बयान में बोले कि जब महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय टीम की कप्तानी सौंपी गई उस समय कप्तानी पद का दावेदार मैं था। युवराज अपने बयान में काफी इमोशनल लग रहे थे। 22 यार्ड पॉडकास्ट से बातचीत करते हुए धाकड़ खिलाड़ी युवराज सिंह बोले कि भारतीय टीम साल 2007 के 50-50 विश्व कप में हार कर विश्व कप से बाहर हो चुकी थी। उसके बाद भारतीय टीम का शेड्यूल काफी व्यस्त था।
पहले भारतीय टीम में इंग्लैंड की टीम का दौड़ा किया उसके बाद साउथ अफ्रीका तथा सबसे अंतिम में आइलैंड का दौरा किया था। इसके तुरंत बाद टी-20 विश्व कप का आयोजन किया गया था। ऐसे में हम और हमारे टीम के साथी खिलाड़ी लगातार 4 महीने तक घर से बाहर क्रिकेट खेले थे। T20 विश्व कप के दौरान सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में मुझे ऐसा लग रहा था कि टी-20 टीम का कप्तान बनाया जाएगा।
क्योंकि उस समय भारतीय टीम के सीनियर खिलाड़ी T20 क्रिकेट को ज्यादा गंभीरता से नहीं खेल रहे थे और मुझे पूरा उम्मीद था कि मैं ही टीम का कप्तान बनूंगा। लेकिन जब भारतीय टीम का घोषणा किया गया, तो टीम की कप्तानी महेंद्र सिंह धोनी के हाथों में सौंपी जा चुकी थी। मुझे इस बात से कोई आ’पत्ति नहीं है, कि महेंद्र सिंह धोनी को टीम का कप्तान बनाया गया। ऐसे में टीम का कप्तान कोई भी हो हम सभी खिलाड़ियों को उनका समर्थन करना ही हमारा कर्तव्य है।
मैं महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में काफी अच्छा क्रिकेट खेला। लेकिन मुझे इस बात का मला’ल जरूर है कि मैं टीम की कप्तानी नहीं कर पाया और महेंद्र सिंह धोनी की ही वजह से मुझे टीम की कप्तानी नहीं मिली। एक बहुत ही साधारण बात है, कि टीम का कप्तान कोई भी खिलाड़ी हो हमें एक टीम मैन बनकर उस खिलाड़ी का समर्थन करना चाहिए। चाहे आपकी टीम के कप्तान सौरव गांगुली हो, सचिन तेंदुलकर हो, विराट कोहली हो या राहुल द्रविड़ हो। भारतीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम का खिलाड़ी होने के नाते हमें सभी खिलाड़ियों का समर्थन करना चाहिए।
बात अगर युवराज सिंह के क्रिकेट करियर की की जाए तो 40 वर्षीय बाएं हाथ के धमाकेदार खिलाड़ी युवराज सिंह भारतीय क्रिकेट टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट में 40 मुकाबले खेलते हुए 1900 रन बनाए हैं। टेस्ट क्रिकेट में युवराज सिंह के नाम 9 विकेट भी मौजूद है। वही वनडे क्रिकेट टीम के लिए युवराज सिंह 304 मुकाबले खेलते हुए 36.56 औसत से से 8701 रन बनाए हैं। एकदिवसीय क्रिकेट में युवराज सिंह के नाम 111 विकेट भी मौजूद है।
बात अगर T20 क्रिकेट किए जाए तो युवराज सिंह 58 मुकाबले खेलते हुए 1177 रन बनाए हैं। T20 क्रिकेट में युवराज सिंह का सर्वोच्च स्कोर 77 रनों का है। T20 क्रिकेट में युवराज सिंह ने 58 मुकाबलों में 28 विकेट भी चटकाए है। IPL में भी युवराज सिंह 132 मुकाबले खेलते हुए 2750 रन बनाए हैं। आईपीएल में युवराज सिंह के नाम 36 विकेट मौजूद है।