मौजूदा समय में देश और दुनिया के खिलाड़ी सबसे ज्यादा T20 क्रिकेट खेल रहे हैं। इतने व्यस्त शेड्यूल होने के चलते लगभग सभी टीमें खिलाड़ियों का सपोर्ट प्लेयर रखना शुरू कर दी है। साल 2006 में भारतीय क्रिकेट टीम ने अपना पहला अंतरराष्ट्रीय T20 मुकाबला खेला था। पहले टी-20 मुकाबले में भारतीय टीम का सामना दक्षिण अफ्रीका की टीम के साथ हुआ और इस मुकाबले में भारतीय टीम को जीत मिली थी। इसके तुरंत बाद भारतीय जाबांज खिलाड़ियों ने साल 2007 का T20 विश्व कप में शानदार प्रदर्शन करते हुए खिताब जीत दिलाया था। 2007 के T20 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम ने पाकिस्तानी टीम को हराकर खिताब जीता था।
T20 क्रिकेट की शुरुआत होने के बाद से भारतीय टीम ने अब तक कुल 143 इंटरनेशनल टी20 मुकाबले खेले हैं। इसमें भारतीय क्रिकेट टीम को 47 मुकाबलों में हार और बयान पर मुकाबलों में जीत हासिल हुई है। जबकि चार ऐसे मुकाबले रहे जिसका कोई निष्कर्ष नहीं निकला। आज इस न्यूज़ के माध्यम से हम आपको भारतीय T20 क्रिकेट इतिहास में कप्तानी करने वाले कप्तानों का जिक्र करने वाले हैं। हाल ही में शिखर धवन को नया T20 कप्तान नियुक्त किया गया था, और वे श्रीलंका के खिलाफ T20 सीरीज भी जीते थे।
वीरेंद्र सहवाग (साल 2006- 1 मुकाबला) – भारतीय टीम के सबसे तेज बल्लेबाजों में से एक वीरेंद्र सहवाग ने साल 2006 में दक्षिण अफ्रीका की टीम के खिलाफ जोहांसबर्ग के क्रिकेट ग्राउंड पर एक टी-20 मुकाबले में कप्तानी किया था। इस मुकाबले को भारतीय टीम ने चार विकेट से अपने नाम किया था, और यह मुकाबला काफी रोमांचक हुआ था। पहले बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका की टीम इस मुकाबले में 2 विकेट के नुकसान पर 126 रन बनाए थे। जवाब में भारतीय टीम 1 गेंद शेष रहते इस मुकाबले को अपने नाम कर ली थी।
महेंद्र सिंह धोनी (साल 2007 से 2016- 72 मुकाबले)- पूर्व भारतीय विकेट कीपर बल्लेबाज और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने साल 2007 में भारतीय टीम की कप्तानी करते हुए T20 वर्ल्ड कप का पहला संस्करण में खिताब जीत दिलाया था। धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम ने कुल 72 टी-20 मुकाबले खेलते हुए 42 मुकाबलों में जीत और 28 मुकाबलों में हार मिला और साथ ही दो मुकाबले बिना किसी निष्कर्ष के रहे। महेंद्र सिंह धोनी का T20 क्रिकेट में जीत का प्रतिशत 59 का रहा।
सुरेश रैना (साल 2010-11, तीन मुकाबले)- पूर्व भारतीय बाएं हाथ के दिग्गज बल्लेबाज सुरेश रैना ने साल 2010 में जिंबाब्वे के खिलाफ 2 टी-20 मुकाबलों में कप्तानी करते हुए दोनो मुकाबले में जीत दिलाया था। इसके बाद सुरेश रैना को वेस्टइंडीज के खिलाफ हुए एकमात्र टी-20 मुकाबले में भी कप्तानी करने का मौका मिला था। और इस मुकाबले में भी सुरेश रैना ने अपनी शानदार कप्तानी की बदौलत जीत दिलाई थी। सुरेश रैना की कप्तानी में भारतीय टीम का T20 क्रिकेट में जीत का प्रतिशत 100 का रहा।
अजिंक्य रहाणे (साल 2015 दो मुकाबले)- भारतीय टीम ने साल 2015 में जिंबाब्वे का दौरा किया था। इस सीरीज में सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में टीम मैनेजमेंट ने अजिंक्य रहाणे को कप्तान बनाया था। अजिंक्य रहाणे ट्वेंटी-20 मुकाबले में कप्तानी करते हुए मात्र एक मुकाबले में ही भारतीय टीम को जीत दिला पाए। बतौर कप्तान T20 क्रिकेट में अजिंक्य रहाणे का जीत प्रतिशत 50 का है।
विराट कोहली (साल 2017, 37 मुकाबले)- मौजूदा समय के भारतीय क्रिकेट टीम के टी-20 के कप्तान विराट कोहली को महेंद्र सिंह धोनी के संन्यास लेने के बाद T20 क्रिकेट की कमान सौंपी गई। विराट कोहली ने भारतीय टीम के लिए 37 टी-20 मुकाबलों में कप्तानी करते हुए 24 मुकाबलों में जीत दिलाई है और 11 मुकाबले में टीम को हार का सामना करना पड़ा है। जबकि दो मुकाबले बिना किसी निष्कर्ष के रहे विराट कोहली का पद और कप्तान जीत का प्रतिशत 65 का है।
रोहित शर्मा (साल 2017-2020, 19 मुकाबले)- हिटमैन के नाम से मशहूर रोहित शर्मा को भी विराट कोहली की गैरमौजूदगी में साल 2017 में पहली बार T20 टीम का कप्तान बनाया गया था। रोहित शर्मा अपनी शानदार कप्तानी का नमूना पेश करते हुए अपने पहले ही T20 सीरीज में श्रीलंका को 3-0 से हराकर क्लीन स्वीप किया था। Rohit Sharma ने साल 2017 से अब तक भारतीय टीम के लिए 19 मुकाबले में कप्तानी करते हुए 15 मुकाबलों में जीत दिलाया है, जबकि चार मुकाबलों में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा है। T20 क्रिकेट में बतौर कप्तान रोहित शर्मा का जीत प्रतिशत 78 का है।
शिखर धवन (साल 2021- 3 मुकाबले)- साल 2021 में सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में शिखर धवन को भारतीय T20 क्रिकेट टीम का कप्तान बनाया गया। श्रीलंका के खिलाफ खेले गए तीन टी-20 मुकाबलों में भारतीय टीम को दो मुकाबलों में जीत मिला जबकि एक मुकाबले में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा। बतौर कप्तान T20 में शिखर धवन का जीत का प्रतिशत 65 का है।