भारतीय टीम के दिग्गज ऑफ स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी संन्यास को लेकर बड़ा बयान दिया। रविचंद्रन अश्विन बोले कि जिस दिन मैं क्रिकेट में कुछ नया सीखना बंद कर दूंगा, उसी दिन मैं संन्यास ले लूंगा। पढ़ाई के जैसा ही क्रिकेट के खेल में भी रोज कुछ ना कुछ सीखना पड़ता है।
आगे प्रेस से वार्ता करते समय रविचंद्रन अश्विन बोले कि अपने कैरियर में जो कामयाबी हासिल किया हूं, उसमें सबसे बड़ा योगदान मेरी सीखने की ललक का है। क्रिकेट के मैदान पर मुझे लड़ाई करने से अच्छा कुछ नया सीखने में मजा आता है। अश्विन का कहना है, कि क्रिकेट खेलते समय एकाग्रता की बहुत ज्यादा जरूरत होती है।
दाएं हाथ के गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन ने अपने टेस्ट क्रिकेट कैरियर की शुरुआत साल 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ किया था। रविचंद्रन अश्विन भारतीय टीम के सबसे सफल भरोसेमंद खिलाड़ियों की सूची में भी शामिल हैं। अश्विन भारतीय इंटरनेशनल टीम की तरफ से खेलते हुए 79 टेस्ट मुकाबलों में 412 विकेट चटकाए हैं। रविचंद्रन अश्विन टेस्ट क्रिकेट में 79 मुकाबले खेलते हुए 2656 रन भी बनाए हैं।
कपिल देव के बाद अश्विन एकमात्र ऐसे भारतीय गेंदबाज हैं, जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 300 से ज्यादा विकेट लेते हुए 5 से ज्यादा शतकीय पारी खेल चुके हैं। हालांकि रविचंद्रन अश्विन फिलहाल भारतीय टेस्ट टीम में ही शामिल हैं, उन्हें वनडे मुकाबलों के लिए टीम में शामिल नहीं किया जा रहा। भारतीय टीम की तरफ से अश्विन ने 111 वनडे मुकाबले खेलते हुए 150 विकेट अपने नाम किया है।