टेस्ट क्रिकेट में अब तक जितने भी कारनामे हुए हैं उसमें तेहरा शतक लगाना सबसे दुर्लभ रिकॉर्ड है, जो कि अब तक खेले गए दुनिया भर के इतने खिलाड़ियों में कुछ ही खिलाड़ी ऐसा करनामा करने में सक्षम हुए हैं। क्योंकि इसके लिए एक खिलाड़ी को कई घंटों तक एकाग्रता, दृढ़ता और धैर्य की जरूरत होती है। किसी भी खिलाड़ी के द्वारा की गई एक छोटी सी चूक यह साबित कर देते हैं कि आपका स्कोर कहां तक सीमित हो जाएगा। इसके बावजूद कुछ खिलाड़ियों ने यह कारनामा किया हैं जिससे उनको बहुत ही प्रशंसा मिली है।
टेस्ट क्रिकेट में बड़ी पारी खेलना महत्वपूर्ण होता है। आप कितना गेंद खेलें यह मायने नहीं रखता लेकिन तिहरा शतक लगाने के लिए एक खिलाड़ी को विस्फोटक होना ही पड़ता है। आज इस लेख में हम ऐसे ही पांच खिलाड़ियों के बारे में बात करेंगे जिन्होंने टेस्ट क्रिकेट इतिहास में लगाए हैं सबसे तेज तिहरा शतक।
वीरेंद्र सहवाग- (278 गेंद)- मुल्तान के सुल्तान के नाम से जाने जाने वाले नजफगढ़ के नवाब वीरेंद्र सहवाग ने इस कारनामे की शुरुआत 2008 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ चेन्नई में पहले टेस्ट के दौरान पहले बल्लेबाजी करते हुए दक्षिण अफ्रीका के तरफ से हाशिम अमला ने 159 (262) और मैंकेजी ने 94(156) ने शानदार बल्लेबाजी की, जिसमें हरभजन सिंह ने ओपनिंग जोड़ी तोड़ते हुए मेजबान के लिए पहले सफलता दिलाई। जवाब में भारत ने सहवाग के 319 (304) और द्रविड़ का 111 (291) की शानदार पारी के कारण अपनी पहली पारी में 627 रनों की पारी खेल कर करारा जवाब दिया, इस दौरान वीरेंद्र सहवाग ने 278 गेंद खेलकर तिहरा शतक लगा के इतिहास रच दिया। सिर्फ 80 रन के बढ़त से भारत साउथ अफ्रीका को हल्के में नहीं ले सकता था। दक्षिण अफ्रीका ने फिर एक बार अपनी अच्छी बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया, 331/5 का स्कोर बनाया और यह मैच ड्रॉ पर समाप्त हुआ। इस पारी में भी हाशिम आमला और मैंकेजी ने शानदार बल्लेबाजी की दोनों ने क्रमशः 155(339) 81(148) रन बनाई।
मैथ्यू हेडन -(262 गेंदे)- ऑस्ट्रेलियाई विस्फोटक सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन ने साल 2003 में पर्थ क्रिकेट ग्राउंड में जिंबाब्वे के खिलाफ बहुत ही शानदार पारी खेली, जिसके बदौलत ऑस्ट्रेलिया ने स्कोरबोर्ड पर बहुत ही विशाल स्कोर खड़ा कर दिया। पहली पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 735–6 रन बनाए, हेडन ने 380 (437) और गिलक्रिस्ट ने 113 (94) की पारी खेली, इस प्रकार हेडन ने 362 गेंद में दूसरा सबसे तेज तेहरा शतक लगाया। जिंबाब्वे के पास इस बड़ी पारी का कोई जवाब नहीं था, पहली पारी में 239 और दूसरी पारी में 321 रन बनाकर एक पारी से यह मैच हार गए।
वीरेंद्र सहवाग -(364 गेंदे)- भारत का यह दिग्गज खिलाड़ी इस सूची में दूसरी बार और कम गेंद खेल कर तेहरा शतक लगाने वाले इस सूची में तीसरे नंबर पर भी शामिल है। साल 2004 में मुल्तान टेस्ट के पहली पारी में वीरेंद्र सहवाग ने अपने कैरियर का पहला तेहरा शतक लगाया था। इस पारी में उन्होंने 39 चौके और 6 छक्के की मदद से मात्र 364 गेंदों में तेहरा शतक लगा दिए थे उनके 309 रनों की पारी के साथ भारत ने 675/5d का स्कोर बनाया। जवाब में पाकिस्तान की टीम पहली पारी में 407 और दूसरी पारी में मात्र 216 रन पर सिमट गई, इसके साथ ही भारत पारी और 52 रनों से यह मैच को अपने नाम कर लिया।
करुण नायर -(381 गेंदे)- करुण नायर भारत की तरफ से तिहरा शतक लगाने वाले सिर्फ दूसरे ही बल्लेबाज हैं। साल 2016 में पांच मैचों की श्रृंखला में इंग्लैंड की टीम पहली पारी में मोईन अली के 146 रनों की मदद से कुल 447 रन बनाए, जिसके जवाब में भारतीय टीम केएल राहुल के 199 और करुण नायर के तिहरा शतक के साथ 759/7d का स्कोर बनाया। इस मुकाबले में करुण नायर ने 381 गेंदों में 32 चौके और 4 छक्के की मदद से कुल 303 रन बनाए और इस सूची में चौथे स्थान पर शामिल हुए। इसमें दूसरी पारी में इंग्लैंड की टीम सिर्फ 207 रन ही बना सकी और यह मुकाबला भारत ने 75 रन और पारी से जीत लिया।
डेविड वॉर्नर -(389 गेंदे)- ऑस्ट्रेलिया के इस सलामी बल्लेबाज का नाम इस सूची में सबसे नया है। वॉर्नर ने 2019 में पाकिस्तान के खिलाफ 389 गेंदों में 39 चौके और 1 छक्के की मदद से एडिलेड टेस्ट में तिहरा शतक जड़ने का कारनामा किया था और इस सूची में पांचवें स्थान पर काबिज हैं। जिसमें उन्होंने कुल 335 रन बनाए, मैच में पहले खेलते हुए ऑस्ट्रेलियाई टीम ने 589/3d का स्कोर बनाया था। जवाब में पाकिस्तान की पूरी टीम 302 रनों पर ऑल आउट हो गई और वहीं दूसरी पारी में भी 239 रन ही बना सकी मेजबान ऑस्ट्रेलिया टीम ने यह मुकाबला 48 रन और पारी से जीत लिया।