पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली भारतीय क्रिकेट की तस्वीर अपने क्रिकेट खेलने के स्टाइल की वजह से बदल चुके थे। गौतम गंभीर काफी आक्रमक रवैया के खिलाड़ी थे। उनकी कप्तानी में भारतीय टीम को काफी सफलता मिली। गौतम गंभीर अपनी कप्तानी के दौरान भारतीय वनडे टीम के लिए 146 मुकाबलों में कप्तानी करते हुए 76 मुकाबलों में जीत दिलाए थे। वहीं उनकी कप्तानी में भारतीय टीम को 65 मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था। वहीं पांच मुकाबले ड्रॉ पर समाप्त हुए थे। वनडे क्रिकेट में सौरव गांगुली की कप्तानी में भारतीय टीम का जीत प्रतिशत 53.90 का रहा था। टेस्ट क्रिकेट में गौतम गंभीर भारतीय टीम के लिए 49 मुकाबलों में कप्तानी करते हुए 21 मुकाबलों में जीत दिलाए थे। वही 13 मुकाबले में भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा था। 15 मुकाबले ड्रॉ पर समाप्त हुए थे।
सौरव गांगुली अपनी कप्तानी के दौरान भारतीय टीम के लिए कई नए-नए खिलाड़ियों को भारतीय टीम में शामिल किए थे। महेंद्र सिंह धोनी का भी चयन सौरव गांगुली ने ही किया था। सौरव गांगुली की कप्तानी के दौरान भारतीय टीम के 5 खिलाड़ियों का बोलबाला काफी ज्यादा और बढ़ चढ़कर रहा। इन सभी खिलाड़ियों को सौरव गांगुली अपनी कप्तानी के दौरान पूरे फ्रीडम के साथ क्रिकेट खेलने के लिए मौका देते थे। और यह सभी खिलाड़ी एक महान क्रिकेटर बन कर उभरे। इस खबर के माध्यम से हम आपको ऐसे पांच खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे गांगुली की कप्तानी में खूब जम के लेकिन महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में उन्हें मौका नहीं मिल पाया।
वीरेंद्र सहवाग- भारतीय टीम के सबसे विस्फोटक सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग भी कई बार मीडिया के सामने बयान दे चुके हैं, कि महेंद्र सिंह धोनी के भारतीय टीम के कप्तान बनाए जाने के बाद उनका क्रिकेट कैरियर समाप्ति की ओर आगे बढ़ता चला गया। वीरेंद्र सहवाग का मानना है, कि धोनी से उनका छोटा सा मनमुटाव उनके क्रिकेट कैरियर का समापन करा दिया। सहवाग के क्रिकेट कैरियर का शुरुआत साल 1999 में हुआ था। भारतीय टीम के लिए वीरेंद्र सहवाग अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 17000 से ज्यादा रन बनाए थे। Virendra Sehwag जैसा ताबड़तोड़ बल्लेबाज भारतीय टीम को तक नहीं मिल पाया है।
युवराज सिंह- भारतीय टीम के सबसे बेहतरीन बाएं हाथ के ऑलराउंडर खिलाड़ी और 2011 के विश्वकप के ‘मैन ऑफ द सीरीज’ के विजेता युवराज सिंह अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत साल 2000 में किए थे। युवराज सिंह का भी मानना है कि उनका क्रिकेट कैरियर महेंद्र सिंह धोनी के कप्तान बनाए जाने के बाद धीरे-धीरे समाप्ति की ओर बढ़ता चला गया। युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह मीडिया में धोनी के खिलाफ कई बार बयान दे चुके हैं। युवराज सिंह भारतीय इंटरनेशनल टीम के लिए क्रिकेट खेलते हुए 12000 से ज्यादा रन बनाए थे। वहीं गेंदबाजी करते हुए 150 से ज्यादा विकेट के लिए थे।
हरभजन सिंह- 41 वर्षीय दाएं हाथ के भारतीय टीम के पूर्व स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह का भी क्रिकेट कैरियर महेंद्र सिंह धोनी के भारतीय टीम के कप्तान बनाए जाने के बाद समाप्ति की ओर बढ़ता चला गया। हरभजन सिंह मौजूदा समय में भी भारतीय टीम से संन्यास की घोषणा कर दिए हैं। लंबे कद के दाएं हाथ के स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह का जन्म पंजाब में हुआ था, और वह भारतीय टीम के लिए साल 1998 में अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला खेल थे। भारतीय टीम के लिए क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में मिलाकर हरभजन सिंह अब तक सात सौ के आसपास विकेट ले चुके थे। वे भारतीय टीम के तीसरे सबसे बेहतरीन स्पिन गेंदबाज रहे हैं।
इरफान पठान- बाएं हाथ के भारतीय टीम के पूर्व ऑलराउंडर खिलाड़ी इरफान पठान का भी क्रिकेट कैरियर धोनी के कप्तान बनाए जाने के बाद समाप्ति की ओर चला गया। इरफान पठान भारतीय टीम के लिए क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में क्रिकेट खेल चुके थे। इरफान पठान अपनी बल्लेबाजी का नमूना पेश करते हुए भारतीय टीम के लिए 2500 से ज्यादा रन बनाए हैं। वहीं गेंदबाजी करते हुए इरफान पठान के नाम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 301 विकेट मौजूद है। पठान भारतीय टीम के लिए ओपनिंग बल्लेबाजी का भी जिम्मा निभा चुके हैं। पठान एकमात्र ऐसे गेंदबाज हैं, जो भारतीय टीम के लिए गेंदबाजी करते हुए टेस्ट क्रिकेट के पहले ओवर में हैट्रिक विकेट चटका चुके हैं।
जाहिर खान- भारतीय टीम के पूर्व बाएं हाथ के बेहतरीन गेंदबाज जाहिर खान 2011 के विश्व कप के बाद खत्म हो गया। जाहिर खान भारतीय टीम के लिए क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में क्रिकेट खेलते हुए दो हजार के आसपास रन बनाए थे। वहीं गेंदबाजी करते हुए जाहिर खान के नाम अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 600 से ज्यादा विकेट मौजूद है। जहीर खान अपनी गेंदबाजी से सबसे ज्यादा दक्षिण अफ्रीका टीम के पूर्व कप्तान और बेहतरीन बल्लेबाज ग्रीम स्मिथ को आउट किए हैं।