घरेलू क्रिकेट के कई ऐसे बेहतरीन खिलाड़ी हैं जिनको अपने देश के लिए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका कभी नहीं मिल पाया। इसका सबसे बड़ा कारण यह रहा कि, क्रिकेट में प्रतिस्पर्धा काफी ज्यादा बढ़ चुका है। ऐसे बेहतरीन घरेलू क्रिकेटरों पर चयनकर्ताओं का नजर कभी गया ही नहीं। खासतौर पर जब से और भारत में आईपीएल का चलन बढ़ा हुआ है, चयनकर्ता ज्यादातर आईपीएल के बेहतरीन खिलाड़ियों पर ही फोकस कर रहे हैं। आईपीएल में अगर कोई भी खिलाड़ी अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, तो उस खिलाड़ी को जल्द ही इंटरनेशनल क्रिकेट टीम में मौका मिल रहा है।
भारत में घरेलू क्रिकेट में कई सारे लीग में क्रिकेट खेले जाते हैं। आईपीएल के पहले टीम के चयनकर्ता खिलाड़ियों का चयन रणजी ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को लेकर करते थे, लेकिन जब से आईपीएल का चलन बढ़ा है, चयनकर्ताओं का पूरा ध्यान आईपीएल की तरफ से खींचा चला गया है। इस खबर के माध्यम से हम आपको भारतीय घरेलू क्रिकेट के ऐसे 3 बेहतरीन खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिनका चयन भारतीय टीम में कभी भी नहीं हो पाया। लेकिन ये सभी खिलाड़ी घरेलू क्रिकेट के बेहतरीन कप्तान और खिलाड़ी रहे।
मिथुन मन्हास- अगर भारतीय घरेलू क्रिकेट के खिलाड़ियों की बात किया जाए तो मिथुन मन्हास का नाम सबसे पहले लिया जाता है। दाएं हाथ के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज मिथुन मन्हास काफी लंबे समय तक भारतीय घरेलू क्रिकेट में क्रिकेट खेले लेकिन उन्हें एक बार भी इंटरनेशनल टीम में मौका नहीं मिला।
मिथुन मन्हास अपने घरेलू क्रिकेट कैरियर में 9714 रन बनाए। इस दौरान वे दिल्ली की टीम की कप्तानी भी किए। जब भारतीय टीम के लिए सचिन तेंदुलकर राहुल द्रविड़ सौरव गांगुली जैसे खिलाड़ियों का चयन हुआ था। मिथुन मन्हास उस समय घरेलू क्रिकेट में काफी बेहतरीन प्रदर्शन किए थे। लेकिन चयनकर्ता उनको कभी मौका नहीं दे पाए। मिथुन मन्हास अपने दमदार खेल की वजह से दिल्ली की रणजी टीम को अपनी कप्तानी के दौरान खिताब जीत भी दिलाए थे।
अमोल मजूमदार- मुंबई की घरेलू क्रिकेट टीम की कप्तानी कर चुके, बेहतरीन खिलाड़ी अमोल मजूमदार एक बहुत ही प्रतिभावान बल्लेबाज थे। अमोल मजूमदार विनोद कांबली और पूर्व भारतीय खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर एक साथ क्रिकेट खेलना शुरू किए थे। लेकिन अमोल मजूमदार को भारतीय टीम के चयनकर्ता कभी मौका नहीं दिए। अमोल मजूमदार अपने घरेलू क्रिकेट कैरियर में 171 मुकाबले खेलते हुए 11167 रन बनाए थे। इस दौरान अमोल मजूमदार के बल्ले से 30 शतकीय पारियां निकली थी।
येरे गौर- कर्नाटका की घरेलू क्रिकेट टीम से अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत करने वाले येरे गौर भी भारतीय घरेलू क्रिकेट टीम के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं। येरे गौर को साल 2006 में रणजी ट्रॉफी के लिए कर्नाटका की टीम का कप्तान बनाया गया था। साल 1994 से अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत करने वाले येरे गौर ने 17 साल तक घरेलू क्रिकेट में भारतीय टीम के लिए काफी धमाकेदार क्रिकेट खेला। अपने 17 साल के क्रिकेट कैरियर के दौरान वे 7650 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 16 शतकीय पारी खेली।