भारतीय क्रिकेट टीम में ऐसे कई खिलाड़ी है जो अपना शानदार प्रदर्शन करने के बावजूद भी कभी कप्तान नहीं बन पाए। जब भी कोई दिग्गज खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ ऑल टाइम 11 चुनता है, तो इन खिलाड़ियों का नाम कभी नहीं लेता क्योंकि ये सभी खिलाड़ी कभी कप्तान बन ही नहीं पाए थे। इन सभी खिलाड़ियों का भारतीय क्रिकेट टीम में योगदान काफी अच्छा रहा है। कुछ खिलाड़ी ऐसे हैं, जिनकी बदौलत भारतीय टीम ने कई बड़े मुकाबले जीते हैं।
आज इस खबर के माध्यम से हम ऐसे 11 खिलाड़ियों की सूची बताने वाले हैं, जो भारतीय टीम के कभी कप्तान नहीं बन पाए थे-
ओपनर बल्लेबाज- वीवीएस लक्ष्मण और नवजोत सिंह सिद्धू- भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी वीवीएस लक्ष्मण और नवजोत सिंह सिद्धू अपने अंतर्राष्ट्रीय वनडे करियर में काफी शानदार प्रदर्शन किया लेकिन कभी कप्तान नहीं बन पाए। इन दोनों खिलाड़ियों ने एकदिवसीय क्रिकेट में कुल 4000 से ज्यादा रन बनाए हैं। हालांकि बाद में वीवीएस लक्ष्मण टेस्ट क्रिकेट के स्पेशलिस्ट बल्लेबाज बन गए और केवल टेस्ट क्रिकेट ही खेलते थे।
मिडिल ऑर्डर बल्लेबाज- युवराज सिंह (कप्तान), मोहम्मद कैफ और विनोद कांबली – भारतीय टीम के पूर्व बाएं हाथ के बल्लेबाज युवराज सिंह का क्रिकेट कैरियर काफी लंबे समय तक रहा। युवराज सिंह अपनी शानदार प्रदर्शन के बदौलत साल 2011 में हुए विश्व कप में “मैन ऑफ द सीरीज” का खिताब जीता था। विनोद कांबली भी 80 के दशक में भारतीय टीम के काफी अच्छे खिलाड़ी थे। साथ ही इस सूची में दूसरे खिलाड़ी मोहम्मद कैफ भी भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे बेहतरीन फील्डरो में से एक हैं। ये सभी खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम के कभी कप्तान नहीं बन पाए।
ऑलराउंडर खिलाड़ी- रविंद्र जडेजा और रोबिन सिंह- इस सूची में हम दो और जोंडिस खिलाड़ियों को भी शामिल किए है, जिनका नाम रविंद्र जडेजा और रॉबिन सिंह है। इन दोनों खिलाड़ियों ने अपनी आलराउंडर प्रदर्शन के बदौलत भारतीय टीम के लिए काफी बढ़िया प्रदर्शन किया है। यह दोनों खिलाड़ी भी कभी कप्तान नहीं बन पाए।
गेंदबाज- हरभजन सिंह, जगावाल श्रीनाथ, जाहिर खान और अजीत आगरकर- इस सूची में हम चार भारतीय महत्वपूर्ण गेंदबाजों का भी नाम शामिल किए हैं, ये सभी गेंदबाज भारतीय क्रिकेट टीम के लिए काफी लंबे समय तक क्रिकेट खेले हैं लेकिन कभी कप्तान नहीं बन पाए। इन सभी खिलाड़ियों में से जगावर श्रीनाथ ने भारतीय क्रिकेट टीम के लिए 229 एकदिवसीय मुकाबले खेलते हुए 315 विकेट चटकाए। जबकि अजीत आगरकर ने 191 वनडे मुकाबले खेलते हुए 288 विकेट और साथ ही जाहिर खान 194 एकदिवसीय मुकाबले खेलते हुए 269 विकेट चटकाए हैं।