भारतीय क्रिकेट टीम के सबसे बेहतरीन सलामी बल्लेबाजों में से एक वीरेंद्र सहवाग अपने समय के सबसे बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक थे। मौजूदा समय में वीरेंद्र सहवाग दिल्ली में अपनी क्रिकेट एकेडमी, स्कूल, समाज सेवा और क्रिकेट में कमेंट्री के साथ-साथ आईपीएल में फ्रेंचाइजी टीम के साथ कोचिंग देने का काम करते हैं। वीरेंद्र अपने बयान के चलते कई बार मीडिया में चर्चा में बने रहते है। लेकिन विराट कोहली विरेंद्र सहवाग से ज्यादा मौजूदा समय में सुर्खियां बटोर रहे हैं।
वीरेंद्र सहवाग ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और मौजूदा समय के भारतीय कप्तान विराट कोहली को लेकर वीडिया के सामने एक बड़ा बयान दिया। वीरेंद्र सहवाग अपने बयान में बोले कि, महेंद्र सिंह धोनी का जब भारतीय टीम में चयन किया गया था तो मैं भारतीय टीम का सीनियर खिलाडी था। धोनी शुरुआती के मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किए थे। ऐसे में मैंने टीम के कप्तान के साथ-साथ टीम के मैनेजमेंट के साथ बातचीत कर धोनी को और मौके देने के लिए कहा। टीम मैनेजमेंट और कप्तान मेरी बात मान गए और धोनी को कुछ और मौके देने के लिए राजी हो गए।
उसके बाद महेंद्र सिंह धोनी एक अलग खिलाड़ी बनकर टीम को लीड किए। मुझे महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में खेलने में काफी मजा आया। धोनी का टीम में चयन होने के बाद टीम के खिलाड़ियों का क्रिकेट खेलने का रवैया पूरी तरह बदल गया। इसी के जैसा ही साल 2012 में विराट कोहली अपने क्रिकेट कैरियर का शुरुआत किए थे। तो ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ होने वाले टेस्ट मुकाबले के लिए टीम मैनेजमेंट और कप्तान विराट की जगह रोहित शर्मा को मौका देना चाहती थी। लेकिन टीम का उप कप्तान होने के नाते मैंने रोहित की जगह विराट कोहली को टीम में मौका देने के लिए बोला। उसके बाद विराट कोहली एक अलग अंदाज के क्रिकेटर बन गए।
साल 2012 के बाद भारतीय टीम का इतिहास लगभग सभी लोग जानते हैं कि विराट कोहली कितने बड़े क्रिकेटर बन गए हैं। वीरेंद्र सहवाग का यह मानना है, कि कभी-कभी अलग तरीके के खिलाड़ियों को भी टीम में जगह देना चाहिए। ऐसे में वह खिलाड़ी अपना शानदार प्रदर्शन कर टीम के लिए लंबे समय तक क्रिकेट खेल सकता है। सहवाग अपने बयान में विराट कोहली की खूब तारीफ करते हुए बोले कि 2012 का ऑस्ट्रेलियाई दौरा विराट कोहली के क्रिकेट कैरियर का टर्निंग प्वाइंट था। जहां अन्य खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया टीम के खिलाफ रन नहीं बना पा रहे थे, वही विराट कोहली अपने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किए।
फर्स्ट टेस्ट के दोनों पारियों में विराट कोहली ने 44 और 75 रनों की अच्छी पारी खेले और वे प्रमुख खिलाड़ी बन गए। विराट कोहली की बल्लेबाजी शैली पूरी तरह सचिन तेंदुलकर से मिलती जुलती है और वे सचिन तेंदुलकर के रूप में इंडिया के लिए अच्छा क्रिकेट खेल रहे है। आप इस बात से अंदाजा लगा सकते हैं, कि विराट कोहली उसके बाद कितने रिकॉर्ड्स बनाए वह एक बल्लेबाज के साथ-साथ बेहतरीन कप्तान भी हैं।
लेकिन भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को एक बात की जरूर कमी दिखती है कि वीरेंद्र सहवाग के संन्यास लेने के बाद उनके जैसा ताबड़तोड़ सलामी बल्लेबाज भारतीय टीम को नहीं मिल पाया है। भारतीय टीम मैनेजमेंट की यह तलाश अभी भी जारी है। देखना बहुत ही दिलचस्प होगा कि टीम मैनेजमेंट को सहवाग जैसा खिलाड़ी कितने दिनों के बाद मिलता है।