महेंद्र सिंह धोनी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का खिलाड़ी जिससे मिलना दुनिया के तमाम नौजवान खिलाड़ी चाहते हैं। जब भी किसी खिलाड़ी को मौका मिलता है, वह धोनी से क्रिकेट से कुछ न कुछ नए-नए गुण जरूर सीखते हैं। धोनी भी एक टीचर की तरह नौजवान खिलाड़ियों के साथ बातचीत करते हुए उनका मनोबल बढ़ाते हैं। आईपीएल 2022 के शुरुआत होने से कुछ समय पहले ही, महेंद्र सिंह धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स की कप्तानी छोड़ दिया। उसके बाद चेन्नई सुपर किंग्स की टीम के नए कप्तान रविंद्र जडेजा बने। पिछले 15 सालों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी ने खूब नाम कमाया है। इस दौरान महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम की कप्तानी करने के साथ-साथ घरेलू क्रिकेट में आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स की टीम के लिए काफी लंबे समय तक कप्तानी किए हैं। मौजूदा समय में महेंद्र सिंह धोनी घरेलू क्रिकेट में खेलते हुए खिलाड़ियों को काफी कुछ शिक्षा देते रहते हैं।
घरेलू क्रिकेट में क्रिकेट खेलने वाले बेहतरीन खिलाड़ियों को महेंद्र सिंह धोनी के बदौलत अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी क्रिकेट खेलने का मौका मिल चुका है। महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम की जब कप्तानी कर रहे थे, तो उन्होंने मौजूदा समय के भारतीय क्रिकेट टीम के तीन बेहतरीन खिलाड़ियों को टीम में शामिल किया था। धोनी की कप्तानी के दौरान इन तीनों खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया। जब महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम से रिटायरमेंट लिए थे, तब ये सभी खिलाड़ी अपने प्रचंड फॉर्म में थे। इन तीनों खिलाड़ियों का नाम कुछ इस प्रकार है।
रविंद्र जडेजा- भारतीय टीम के हरफनमौला ऑलराउंडर खिलाड़ी रविंद्र जडेजा भारतीय क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट के नंबर वन ऑलराउंडर खिलाड़ी बन चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों से रविंद्र जडेजा का प्रदर्शन क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट में काफी सराहनीय रहा है। जडेजा को उनकी बेहतरीन प्रदर्शन के लिए चलते ही, आईपीएल में उनकी फ्रेंचाइजी टीम चेन्नई सुपर किंग्स की टीम का कप्तान बनाया गया है। जब महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम के कप्तान थे, तो उनकी कप्तानी के दौरान रविंद्र जडेजा भारतीय टीम में अपना पहला डेब्यू मुकाबला खेले थे।
रविंद्र जडेजा ने अपने कप्तान द्वारा उनका किए गए चयन को बेहद प्रभावशाली साबित किए और अपना बेहतरीन प्रदर्शन कर भारतीय टीम के रेगुलर खिलाड़ी बन गए। रविंद्र जडेजा को उनकी सराहनीय प्रदर्शन के चलते उन्हें सर रविंद्र जडेजा की उपाधि भी मिल चुकी है। साल 2009 में रविंद्र जडेजा ने पहली बार भारतीय टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में क्रिकेट खेला था, साल 2013 आते-आते रविंद्र जडेजा भारतीय टीम के क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट के प्रमुख खिलाड़ी बन चुके थे। सीनियर खिलाड़ियों की गैरमौजूदगी में रविंद्र जडेजा को भारतीय टीम का कप्तान भी बनाया जा सकता है।
रविचंद्रन अश्विन- मौजूदा समय में भारतीय टीम की नंबर वन स्पिन गेंदबाज रविचंद्रन अश्विन अपना पहला डेब्यू मुकाबला भारतीय टीम के लिए साल 2010 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी के दौरान खेले थे। पिछले 12 वर्षों से रविचंद्रन अश्विन का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में प्रदर्शन बेहद सराहनीय रहा है। अपनी चतुर और चालाक दिमाग के चलते रविचंद्रन अश्विन बल्लेबाजों की स्थिति भांपने में सक्षम रहते हैं, जिसके चलते उन्हें गेंदबाजी करते हुए काफी आसानी से विकेट मिल जाती है। Ravichandran Ashwin को भारतीय टीम में जगह महेंद्र सिंह धोनी के चलते ही मिला था।
कुल मिलाकर रविचंद्रन अश्विन के क्रिकेट कैरियर का बात किया जाए, तो रविचंद्रन अश्विन टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम के लिए अब तक 86 मुकाबले खेलते हुए 442 विकेट चटका चुके हैं। 35 वर्षीय दाएं हाथ के ऑलराउंडर खिलाड़ी रविचंद्रन अश्विन बल्ले से भी काफी बेहतरीन प्रदर्शन करते हैं। आने वाले अगर चार-पांच सालों तक रविचंद्रन अश्विन टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम के लिए क्रिकेट खेलते हैं, तो मुथैया मुरलीधरन के 800 विकेट के करीब पहुंच सकते हैं। रविचंद्रन अश्विन मौजूदा भारतीय टीम के प्रमुख टेस्ट गेंदबाज है।
हार्दिक पांड्या- भारतीय टीम के बेहतरीन दाएं हाथ के ऑलराउंडर खिलाड़ी हार्दिक पांड्या को महेंद्र सिंह धोनी की ही वजह से भारतीय टीम में शामिल किया गया था। हार्दिक पांड्या ने महेंद्र सिंह धोनी को अपने बड़े भाई के रूप में भी स्वीकार किया है। कई बार हार्दिक पांड्या मीडिया के सामने बयान देते हुए यह बोल चुके हैं, कि महेंद्र सिंह धोनी उनके बड़े भैया हैं। महेंद्र सिंह धोनी और हार्दिक पांड्या के बीच की आपसी तालमेल बेहद अच्छी है। शायद इसी वजह से महेंद्र सिंह धोनी ने हार्दिक पांड्या को लगातार मौके दिए और उन्हें एक महान खिलाड़ी बनने में काफी बड़ा योगदान किया।