भारतीय क्रिकेट टीम को एक से बढ़कर एक बेहतरीन खिलाड़ी मिले हैं। लेकिन कुछ खिलाड़ी ऐसे भी हैं, जो अपनी शानदार खेल की वजह से दर्शकों का दिल जीतने में कामयाब हुए है। उन खिलाड़ियों के संन्यास लेने के बाद भी दर्शक उनको देखने के लिए बेताब रहते हैं। क्रिकेट के जितने भी खिलाड़ी रहते हैं, सभी खिलाड़ियों का यह सपना रहता है कि वे एक न एक दिन अपने देश के लिए क्रिकेट खेलते हुए अच्छा प्रदर्शन करें। लेकिन यह मुकाम बहुत कम ही खिलाड़ियों को मिल पाता है। सभी खिलाड़ी अपने देश के स्टेट लेवल पर भी क्रिकेट नहीं खेल पाते हैं।
इसका सबसे बड़ा कारण यह है, कि क्रिकेट में इतनी ज्यादा प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है, कि टैलेंटेड खिलाड़ियों को अपनी टैलेंट दिखाने का मौका नहीं मिल पा रहा है। हालांकि भारत में आईपीएल के शुरू होने के बाद बहुत ज्यादा घरेलू खिलाड़ियों को भी अपने टैलेंट का नमूना दिखाने का मौका मिल रहा है, और भी अच्छा प्रदर्शन कर जल्द ही टीम इंडिया में शामिल हो रहे हैं। आईपीएल के भारत में शुरू होने के बाद घरेलू क्रिकेटरों के लिए एक नई उम्मीद सी जग गई है, कि उन्हें भी कभी ना कभी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका मिलेगा।
हाल ही में देखा जाए तो भारतीय क्रिकेट टीम के होनहार ऑलराउंडर खिलाड़ी वेंकटेश अय्यर, इशान किशन, ऋषभ पंत, श्रेयस अय्यर, शार्दुल ठाकुर जैसे अच्छे खिलाड़ियों को आईपीएल की वजह से भारतीय टीम में मौका मिला है और वे अच्छा क्रिकेट खेल रहे हैं। खिलाड़ियों के पास टैलेंट की कोई कमी नहीं है, लेकिन उन्हें अपनी टैलेंट दिखाने का मौका मिलना चाहिए। आज इस खबर के माध्यम से हम आपको ऐसी चार भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जो आईसीसी द्वारा आयोजित टूर्नामेंट में सबसे कम उम्र में मैन ऑफ द मैच का अवार्ड जीते हैं।
युवराज सिंह (साल 2000)- भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे बेहतरीन बाएं हाथ के ऑलराउंडर खिलाड़ी युवराज सिंह साल 2000 में आईसीसी के एक इवेंट में ऑस्ट्रेलिया की टीम के खिलाफ 80 गेंदों में 84 रन बनाकर मैन ऑफ द मैच का अवार्ड जीता था। युवराज सिंह की उम्र इस मुकाबले को खेलने के दौरान मात्र 18 साल और 299 दिन की थी। युवराज सिंह की इस दमदार पारी के बदौलत भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलियाई टीम को इस मुकाबले में 25 रन से मार दिया था। युवराज सिंह सबसे छोटी उम्र में आईसीसी के इवेंट में मैन ऑफ द मैच का अवार्ड जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं।
सचिन तेंदुलकर (साल 1992)- अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में भगवान के नाम से जाने जाने वाले भारतीय टीम के पूर्व महान खिलाड़ी मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर सन 1992 में विश्व कप के दौरान सबसे कम उम्र में मैन ऑफ द मैच का अवार्ड जीते थे। उस समय सचिन की उम्र मात्र 18 वर्ष और 314 दिनों की थी। सचिन तेंदुलकर ने उस मुकाबले में भारतीय टीम की पारी को संभालते हुए मात्र 62 गेंदों में 54 रनों की बेहतरीन पारी खेली थी। पाकिस्तानी टीम के साथ हुए इस मुकाबले में भारतीय टीम में सचिन की बेहतरीन पारी की बदौलत जीत दर्ज की और सचिन को उसका इनाम मिला। सचिन तेंदुलकर सबसे कम उम्र में आईसीसी के इवेंट में मैन ऑफ द मैच का अवार्ड जीतने वाले दूसरे भारतीय खिलाड़ी हैं।
रोहित शर्मा (साल 2007)- हिटमैन के नाम से मशहूर भारतीय टीम के सबसे अच्छे सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा सन 2007 की t20 विश्व कप में दक्षिण अफ्रीका टीम के खिलाफ मात्र 40 गेंदों में बेहतरीन अर्द्धशतकीय पारी खेलते हुए भारतीय टीम को जीत दिलाया था। इस मुकाबले में रोहित शर्मा को उनकी जुझारू पारी के लिए मैन ऑफ द मैच का अवार्ड मिला था। इस मुकाबले को खेलने के दौरान रोहित शर्मा की उम्र मात्र 20 साल और 314 दिनों की थी। रोहित शर्मा आईसीसी के टूर्नामेंट में तीसरी ऐसे खिलाड़ी हैं, जो बेहद कम उम्र में मैन ऑफ द मैच का अवार्ड जीते हैं।
विराट कोहली (साल 2009)- सचिन तेंदुलकर के बाद भारतीय मध्यक्रम बल्लेबाजी का कमान संभालने वाले पूर्व भारतीय वनडे और टी-20 टीम के कप्तान विराट कोहली साल 2009 में आईसीसी द्वारा आयोजित चैंपियंस ट्रॉफी के एक मुकाबले में वेस्टइंडीज की टीम के खिलाफ 104 गेंदों का सामना करते हुए 79 रन बनाए थे। विराट कोहली की शानदार पारी के चलते भारतीय टीम इस मुकाबले को 7 विकेट से जीतने में कामयाब रही थी। विराट कोहली की उम्र इस मुकाबले को खेलने के समय 20 साल 329 दिनों की थी। विराट कोहली ऐसे चौथे खिलाड़ी हैं जो आईसीसी द्वारा आयोजित टूर्नामेंट में भारत की तरफ से मैन ऑफ द मैच का अवार्ड जीते हैं।