हरभजन सिंह का बड़ा बयान- बोले विश्व कप जीतने वाले खिलाड़ियों को BCCI ने ज्यादा मौका नहीं दिया

1021
हरभजन सिंह का बड़ा बयान- बोले विश्व कप जीतने वाले खिलाड़ियों को BCCI ने ज्यादा मौका नहीं दिया harbhajan-singh-accuses-bcci-of-choosing

पूर्व भारतीय खिलाड़ी हरभजन सिंह अपने क्रिकेट कैरियर के दौरान भारतीय टीम के लिए दो विश्व कप जीतने में अहम भूमिका अदा किए थे। पहली बार भारतीय टीम जब T20 विश्वकप का खिताब साल 2007 में जीती थी उस समय भी हरभजन सिंह भारतीय टीम का हिस्सा थे। और दूसरी बार साल 2011 के विश्वकप के दौरान भी हरभजन सिंह भारतीय टीम के प्रमुख खिलाड़ी थे। मौजूदा समय में हरभजन सिंह आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम के साथ जुड़े हुए हैं, और साथ में कमेंट्री का काम करते हैं। हरभजन सिंह अपने बयानों के चलते मीडिया में हमेशा चर्चा में बने रहते हैं। हाल ही में हरभजन सिंह ने मीडिया के सामने एक बहुत ही बड़ा चौंकाने वाला बयान देते हुए बोले कि वर्ल्ड कप 2011 की खिलाड़ियों को बीसीसीआई ने वर्ल्ड कप के बाद ज्यादा मौके नहीं दिए, और वे सभी खिलाड़ी काफी जल्दी सन्यास ले लिए।

No.1 Hindi Cricket News website- Crictrack.in- Hindi Cricket, Indian Team, Dhoni, Virat Kohli, Rohit Sharma, IPL, Crictrack

हरभजन सिंह अपने बयान में बोले कि इस बात में कोई दो राय नहीं है, कि वर्ल्ड कप 2011 के दौरान भारतीय टीम के पास जो भी खिलाड़ी थे। उन सभी खिलाड़ियों की उम्र ज्यादा थी, लेकिन जब उन सभी खिलाड़ियों ने अपने दम पर टीम को वर्ल्ड कप जीताया तो बीसीसीआई को उन खिलाड़ियों के प्रति थोड़ी बहुत सहानुभूति जरुर व्यक्त चाहिए करनी थी। लेकिन बीसीसीआई एक तरफा रवैया अपनाते हुए उन सभी खिलाड़ियों को सन्यास लेने पर मजबूर की। वर्ल्ड कप 2011 के खिलाड़ियों को वर्ल्ड कप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बेहद कम मौके मिले।

उन सभी खिलाड़ियों में से मैं भी हूं। बीसीसीआई ने सभी खिलाड़ियों के साथ काफी पक्षपात किया और यूज एंड थ्रो की रणनीति अपनाई। मैं इसके लिए बीसीसीआई का काफी आलोचना करता हूं। खिलाड़ियों के अलावा किसी को भी यह नहीं पता है, कि उस समय टीम के चयनकर्ता और बीसीसीआई के अध्यक्ष क्या कर रहे थे। टीम के खिलाड़ियों के साथ कैसा बर्ताव किया जा रहा था। खास तौर पर मेरे जैसे खिलाड़ियों के साथ काफी ज्यादा नाइंसाफी और नजरअंदाज किया जाता था। बीसीसीआई को ऐसा नहीं करना चाहिए था।

No.1 Hindi Cricket News website- Crictrack.in- Hindi Cricket, Indian Team, Dhoni, Virat Kohli, Rohit Sharma, IPL, Crictrack

हरभजन सिंह अपने बयान में आगे बोलते हुए बोले कि वर्ल्ड कप 2011 तक भारतीय टीम सबसे बेहतरीन थी, लेकिन वर्ल्ड कप के तुरंत बाद वह टीम पूरी तरह खराब हो गई। उस समय टीम के खिलाड़ियों की उम्र – लगभग युवराज सिंह की 30 वर्ष, गौतम गंभीर की उम्र 30 वर्ष, मेरी 31 वर्ष और सहवाग की 32 वर्ष थी। हम सभी खिलाड़ी लगभग 5 सालों तक और बेहतरीन क्रिकेट खेल सकते थे। लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ और बीसीसीआई ने एकतरफा रवैया अपनाया। यह मेरी क्रिकेट कैरियर की सबसे दुख’द घटना रही। मैं बीसीसीआई के इस रवैया से काफी नाखुश हूं।

No.1 Hindi Cricket News website- Crictrack.in- Daily Hindi Cricket, Hindi cricket news Crictrack, cricket news Hindi.

हरभजन सिंह अपने क्रिकेट कैरियर का आखिरी मुकाबला साल 2016 में यूएई की टीम के खिलाफ एक टी-20 मुकाबले में खेले थे। हरभजन सिंह साल 2011 के वर्ल्ड कप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारतीय टीम के लिए मात्र 26 मुकाबले ही खेल पाए। अपने बयान में हरभजन सिंह आगे बोले कि, मैं और टीम के अन्य खिलाड़ियों को उस समय टीम से बाहर करने का कोई बड़ा कारण था ही नहीं लेकिन हमारे साथ जबर्दस्ती किया गया और टीम से बाहर का रास्ता दिखाया गया। खुद मेरी उम्र उस समय 31 साल की थी और मैं अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 400 से ज्यादा विकेट ले चुका था। कोई भी खिलाड़ी रातों-रात 400 विकेट अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नहीं ले सकता था।

No.1 Hindi Cricket News website- Crictrack.in- Daily Hindi Cricket, Hindi cricket news Crictrack, cricket news Hindi.

मुझे और मेरे साथी खिलाड़ियों के साथ बेहद गलत बढ़ता हुआ हमें कुछ और मुकाबलों में क्रिकेट खेलने का मौका मिलना चाहिए था। और शायद 2015 के विश्वकप तक हम लोग क्रिकेट खेलते तो 2015 का भी विश्व कप भारतीय टीम ने जीतती। खैर इस बात को बीते जमाने हो गए लेकिन क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव नहीं होना चाहिए। अगर भविष्य में भी मैं किसी और खिलाड़ी के साथ ऐसा बर्ताव होते हुए देखूंगा तो, सबसे पहले उस खिलाड़ी के लिए मैं आवाज जरूर उठाऊंगा। अपने देश के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों के साथ ऐसा बर्ताव बेहद निराशाजनक है।

No.1 Hindi Cricket News website- Crictrack.in- Hindi Cricket, Indian Team, Dhoni, Virat Kohli, Rohit Sharma, IPL, Crictrack

बात अगर 2011 के विश्व कप के फाइनल मुकाबले का किया जाए तो पहले बल्लेबाजी करते हुए श्रीलंकाई टीम 6 विकेट के नुकसान पर निर्धारित 50 ओवर में 274 रन बनाए थे। श्रीलंका की तरफ से सबसे ज्यादा 103 रन महिला जयवर्धने ने बनाया था। लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम इस मुकाबले को छह विकेट से 48.2 ओवरों में जीत गई थी। भारतीय टीम की तरफ से सबसे ज्यादा रन गौतम गंभीर ने बनाया था। भारतीय टीम को 28 सालों के बाद दोबारा विश्वकप का खिताब जीतने का मौका मिला।

No.1 Hindi Cricket News website- Crictrack.in- Hindi Cricket, Indian Team, Dhoni, Virat Kohli, Rohit Sharma, IPL, Crictrack