दुनियाभर के तमाम लोकप्रिय खेलो में से क्रिकेट एक है। क्रिकेट एक ऐसा खेल है जिसे हर घर में देखा जाता है। युवा क्रिकेट के खिलाड़ियों को देख इतना प्रभावित हो जाते हैं कि, इसी में अपना भविष्य देखने लगते है, परंतु क्रिकेट में करियर बनाना इतना आसान नहीं है। इसके लिए बहुत ही कम उम्र से ही कड़ी मेहनत करनी पड़ती है, और यह मेहनत लगातार कई सालों तक करनी पड़ती है। इस दौरान युवाओं की पढाई कही पीछे छुट सी जाती है। ऐसे बहुत से त्याग उन्हें करना पड़ता है, तब कहीं जाकर वह एक सफल क्रिकेटर बन पाते हैं।
सपने को पुरा करने के लिए पढाई को भी नहीं दिया अहमियत
एक सफल खिलाड़ी बनने के लिए एक युवा को कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। इस सफर में कुछ खिलाड़ी अपने सपने को पुरा करने के लिए सब कुछ भुल कर इसकी तैयार में जुट जाते हैं। यहाँ तक कि वह अपने कॉलेज की पढ़ाई तक को अहमियत नहीं देते हैं और रात-दिन कड़ी मेहनत करने के बाद अपने सपने को पुरा करने में जुट जाते हैं। आज हम आपको 5 ऐसे ही भारतीय क्रिकेटर के बारे में बताएंगे, जिन्होंने अपने सपने को पुरा करने के लिए कभी कॉलेज तक नहीं गए परंतु क्रिकेट जगत में वह अपना लोहा हर किसी से मनवा चुके हैं।
सचिन तेंदुलकर भी क्रिकेटर बने के लिए कर चुके हैं कई त्याग
क्रिकेट के भगवान कहें जाने वाले सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) को कौन नहीं जानता। वे क्रिकेट जगत में अपनी एक खास जगह बना चुके हैं। दुनिया के महान बल्लेबाजों में सबसे ऊपर सचिन तेंदुलकर का नाम लिया जाता है। इस मुकाम तक पहुँचने के लिए सचिन को बहुत कड़ी मेहनत करनी पड़ी, उन्होंने इसके लिए बहुत से त्याग भी किए हैं।
सचिन ने क्रिकेट के लिए अपनी 10वीं क्लास की परीक्षा तक छोड़ दी।
सचिन तेंदुलकर ने मात्र 11 साल की उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। उन्होंने 16 साल जैसी कम उम्र में ही भारतीय क्रिकेट टीम में अपना पहला कदम रखा, जिस वजह से वह अपनी पढाई के लिए समय नहीं निकाल पाए। सचिन की 10वीं क्लास की परीक्षा भारत-पाक की एक सीरीज के दौरान थी, जिसके वजह से वह अपनी 10वीं क्लास की परीक्षा नहीं दे पाए थे। बाद में, उन्होंने इसकी परीक्षा दी और उन्होंने 12वीं क्लास तक की पढ़ाई पुरी की।
सचिन जैसे है और भी अन्य खिलाड़ी, जो आज तक कभी कॉलेज नहीं गए
सचिन तेंदुलकर के अलावा भारतीय क्रिकेट टीम के मौजूदा कप्तान विराट कोहली बचपन से ही सचिन तेंदुलकर जैसे बड़े बल्लेबाज बना चाहते थे। जिसके वजह से उन्हें 12वीं क्लास के आगे पढ़ने का समय ही नहीं मिला। भारत के रिवर्स-स्विंग गेंदबाजो में से एक जहीर खान अपने सपने को पुरा करने के लिए 12वीं के बाद पढाई छोड़ खेलना शुरू कर दिया। कुछ साल पहले के स्टार खिलाड़ी रह चुके युवराज सिंह भी अपना और अपने पिता का सपना पुरा करने के लिए 12वीं क्लास तक पढ़ने के बाद मात्र 21 साल की उम्र से भारतीय टीम के लिए खेलना शुरु कर दिए थे। भारत के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन भी 12वीं की परीक्षा देने के बाद भारतीय टीम में खेलने लगे।