भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने जब से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लिया है, लगातार अपने आलोच’कों के बयानों के चलते घिरे रहते हैं। कभी कोई खिलाड़ी, कभी कोई कमेंटेटर तो कभी कोई न्यूज़ रिपोर्टर लगातार महेंद्र सिंह धोनी को अपने ऊटप’टांग बयानों के चलते महेंद्र सिंह धोनी को घेरे रहते हैं। हाल ही में अपने क्रिकेट कैरियर से संन्यास लेने वाले पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज ईश्वर पांडे ने भी धोनी को लेकर उटपटांग बयान दिया है। वहीं पूर्व भारतीय खिलाड़ी वीरेंद्र सहवाग ही महेंद्र सिंह धोनी को लेकर एक के बाद एक बड़े खुलासे करते जा रहे हैं। इन खुलासों में कितनी सच्चाई है, महेंद्र सिंह धोनी और वीरेंद्र सहवाग ही जानते हैं।
वीरेंद्र सहवाग मीडिया के सामने बयान देते हुए बोले, कि महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में जब भारतीय टीम साल 2008 में ऑस्ट्रेलियाई टीम का दौरा की थी, उस वक्त में टीम और अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का सोच रहा था। क्योंकि मैं उस समय में अपने बेहतरीन फॉर्म में था, और अच्छे फॉर्म में होने के बावजूद भी मुझे टीम के प्लेइंग इलेवन से बाहर किया गया था। क्रिकबज की न्यूज़ क्रिकेटिंग वेबसाइट से बातचीत करते हुए विरेंद्र सेहवाग बोले कि 2008 में मैं और हमारी भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर गए थे।
टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे, और मुझे वनडे सीरीज के प्लेइंग इलेवन से बाहर किया गया था। उस समय मेरे दिमाग में यह खयाल आया था, कि मुझे अब वनडे क्रिकेट टीम से सन्यास ले लेना चाहिए। लेकिन उसी दौरे पर जब टेस्ट सीरीज में मुझे मौका मिला था, तो मैं 150 रनों की बेहतरीन पारी खेलकर शानदार वापसी किया था। हां मैं मानता हूं कि उस समय मैं वनडे क्रिकेट में उतना अच्छा फॉर्म में नहीं था लेकिन दूसरे सलामी बल्लेबाज भी मुझसे ज्यादा रन नहीं बना पाए थे। ऐसे में मुझे टीम की प्लेइंग इलेवन से बाहर किए जाने पर मैं सन्यास लेने के लिए सोच रहा था।
लेकिन टीम के सीनियर खिलाड़ी होने के नाते सचिन तेंदुलकर ने मुझे समझाया और मैंने अपने दिमाग से संन्यास की बात को खत्म कर दिया। उस समय मेरे दिमाग में केवल एक ही बात चल रही थी कि मैं वनडे क्रिकेट टीम से सन्यास लेकर केवल टेस्ट क्रिकेट खेलू और टेस्ट क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन कर टीम को मुकाबले में जीत दिलाऊं। अगर उस समय मैं अपने वनडे क्रिकेट टीम से सन्यास ले लिया रहता तो 2011 के विश्व कप के दौरान में भारतीय टीम का हिस्सा नहीं रहता, और उस सुनहरे पल को काफी ज्यादा मिस करता। उस ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर वीरेंद्र सहवाग की फॉर्म वनडे क्रिकेट में उतनी अच्छी नहीं थी।
अपने बयान के दौरान वीरेंद्र सहवाग सचिन तेंदुलकर का खूब तारीफ किए और बोले कि सचिन मेरे बड़े भाई जैसे हैं। अगर उस समय सचिन मुझे नहीं रोके रहते तो मैं वनडे क्रिकेट टीम से सन्यास की घोषणा कर दिया रहता। सचिन तेंदुलकर ने उस समय वीरेंद्र सहवाग को सुझाव देते हुए बोले कि मनुष्य के जीवन में कठिनाई और बु’रा दौर आता है। इस सीरीज को खेलो और इस सीरीज के बाद घर जाकर आराम से सोचो कि मुझे आगे क्या करना है। सचिन के सुझाव के बाद वीरेंद्र सहवाग वनडे क्रिकेट टीम से संन्यास नहीं लिए और टीम इंडिया को वर्ल्ड कप जिताने में काफी बड़ा योगदान किए थे।