क्रिकेट का जब भी कोई मुकाबला खेला जाता है तो उस मुकाबले के दौरान दोनों टीमों के खिलाड़ी मिलकर अनेकों रिकॉर्ड्स बनाते हैं। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कुछ ऐसे भी रिकॉर्ड बने हैं, जो टूटे ही नहीं है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट का सबसे ज्यादा रिकॉर्ड भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर अपने नाम कर रखे हैं। सचिन तेंदुलकर का क्रिकेट कैरियर काफी लंबे समय तक चला, जिसके चलते वें अंतरराष्ट्रीय वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा और टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी बने हैं। भारतीय खिलाड़ियों का दबदबा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में काफी लंबे समय से बरकरार है। खास तौर पर सचिन तेंदुलकर के रिटायरमेंट लेने के बाद उनकी जगह दूसरे सचिन भारतीय क्रिकेट टीम के विराट कोहली बने। आज इस खबर के माध्यम से हम आपको अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के ऐसे पांच ऐसे मुकाबलों और खिलाड़ियों का जिक्र करेंगे जिस मुकाबले में बल्लेबाजों को उनकी सर्वश्रेष्ठ स्कोर बनाने से रोका गया था।
रविंद्र जडेजा- भारतीय टीम के स्टार ऑलराउंडर खिलाड़ी रविंद्र जडेजा को भारतीय टीम मैनेजमेंट ने उनके क्रिकेट कैरियर की सबसे बड़ी सर्वोच्च स्कोर बनाने से रोकी थी। सन 2022 में 5 मार्च को भारत और श्रीलंका के खिलाफ मोहाली क्रिकेट ग्राउंड पर खेले गए टेस्ट मैच के दौरान रविंद्र जडेजा भारतीय टीम की पहली पारी में 228 गेंदों का सामना करते हुए 175 रन बनाकर नाबाद पवेलियन लौटे थे। इस पारी के दौरान रविंद्र जडेजा के बल्ले से 17 चौके और 3 गगनचुंबी छक्के निकले थे। अगर रविंद्र जडेजा को 3 से 4 ओवर और बल्लेबाजी करने का मौका मिलता तो रविंद्र जडेजा इस मुकाबले में दोहरा शतक आसानी से बना देते। लेकिन रोहित शर्मा इसी बीच पारी का घोषणा कर दिए थे।
सचिन तेंदुलकर- भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व महान खिलाड़ियों में से एक सचिन तेंदुलकर ने साल 2004 में पाकिस्तानी टीम के वि’रुद्ध हुए एक टेस्ट मुकाबले के दौरान 348 गेंदों का सामना करते हुए 194 रन की महत्वपूर्ण पारी खेल रहे थे। लेकिन दूसरे छोर पर बल्लेबाजी कर रहे बल्लेबाज युवराज सिंह के आउट होने के बाद टीम के कप्तान राहुल द्रविड़ ने पारी की घोषणा कर दिया था। इस मुकाबले में भारतीय टीम के सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सेहवाग 309 रनों की बेहतरीन पारी खेले थे। सचिन तेंदुलकर मात्र 6 रनों से इस मुकाबले में दोहरा शतक बनाने से चूक गए थे। भारतीय टीम के बल्लेबाजों ने इस मुकाबले में पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए 675 रन बनाए थे।
जावेद मियांदाद- पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के पूर्व महान खिलाड़ियों में से एक जावेद मियांदाद को साल 1983 में भारत और पाकिस्तान के विरुद्ध हुए इस मुकाबले के दौरान 280 रन बनाकर नाबाद पवेलियन लौटना पड़ा था। जावेद मियांदाद उस मुकाबले में मात्र 20 रनों से अपना एकमात्र तिहरा शतक बनाने से चूक गए थे। पाकिस्तानी टीम के कप्तान इस मुकाबले में पहले बल्लेबाजी करते हुए 581 रनों और अपनी पारी को घोषित कर दिए थे। पाकिस्तानी टीम इस मुकाबले को एक पारी और 119 रनों के बड़े मार्जिन से जीती थी। भारतीय टीम का पाकिस्तानी टीम के खिलाफ यह सबसे बड़ी हार में से एक है।
एबी डी विलियर्स- दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के पूर्व बेहतरीन विकेटकीपर बल्लेबाजों में से एक एबी डिविलियर्स साल 2010 में पाकिस्तान और दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के बीच हुए एक टेस्ट मुकाबले के दौरान मात्र 22 रनों से तिहरा शतक बनाने से चूक गए थे। इस मुकाबले में एबी डिविलियर्स 278 रन बनाए थे। लेकिन दूसरे छोर पर बल्लेबाजी कर रहे बल्लेबाज मोरनी मॉर्केल 35 रन बनाकर एबी डिविलियर्स का बखूबी साथ दे रहे थे। लेकिन उस समय दक्षिण अफ्रीका टीम के कप्तान ग्रीम स्मिथ ने 584 रनों पर 9 विकेट के नुकसान पर अपनी टीम की पारी का घोषणा कर दिया था। इस मुकाबले में एबी डिविलियर्स का टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक बनाने का सपना टूट गया था।
स्टीफन फ्लेमिंग- न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के सबसे बेहतरीन कप्तानों में से एक पूर्व खिलाड़ी स्टीवन फ्लेमिंग साल 2003 में श्रीलंका टीम के खिलाफ हुए इस मुकाबले के दौरान मात्र 26 रनों से तिहरा शतक बनाने से चूक गए थे। स्टीफन फ्लेमिंग इस मुकाबले के दौरान 476 गेंदों का सामना करते हुए 28 चौके की मदद से कुल 274 रन बनाए थे। इस मुकाबले में अगर स्टीवन फ्लेमिंग को 20 गेंद और खेलने का मौका मिलता तो वे भी अपना पहला शतक बना लेते। उस समय न्यूजीलैंड की टीम के कप्तान खुद स्टीवन फ्लेमिंग ही थे, और अपने आश्चर्यजनक निर्णय लेने के चलते काफी लंबे समय तक सुर्खियों में बने रहे।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा होना आम बात है क्योंकि कई बार कप्तान और टीम मैनेजमेंट मुकाबले को जीतने के लिए ऐसे फैसले लेते है। लेकिन भले ही मुकाबले का नतीजा जो भी हो खिलाड़ियों को भी उन्हें अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने का खुशी काफी ज्यादा रहता है, ऐसे में खिलाड़ियों को थोड़ा सा और मौका देना चाहिए। कप्तान के साथ-साथ एक मुकाबले को जीतने में खिलाड़ियों का योगदान सबसे अहम रहता है। इन खिलाड़ियों के अलावा इस सूची में कुछ अन्य खिलाड़ियों का भी नाम शामिल है। Crictrack की टीम अपने अगले न्यूज़ आर्टिकल में उन सभी खिलाड़ियों का नाम अपने वेबसाइट के माध्यम से अपने पाठकों तक पहुंचाएगी।