क्रिकेट में सबसे धीमा प्रारूप माने जाने वाला टेस्ट क्रिकेट है। क्योंकि इसमें 5 दिनों का मुक़ाबला होता है और इसी के अनुसार खिलाड़ियों को खेलने का मौका भी मिलता है। कई बार ऐसा भी होता है कि टेस्ट क्रिकेट में एक टीम 2 से 3 दिन तक बल्लेबाजी करती है और कभी-कभी 2 दिन में मुकाबला समाप्त भी हो जाता है। टीम की आवश्यकतानुसार खिलाड़ियों को बल्लेबाजी करने का मौका मिलता है। टेस्ट टीम अपने द्वारा बनाए गए योजना के अनुसार बल्लेबाजों को बल्लेबाजी करने के लिए भी मौका देती है। इसी में कई बल्लेबाज अपने नाम कई बड़े रिकॉर्ड कर लेते हैं, जिनमें से एक हैं लगातार चार छक्के लगाने का रिकॉर्ड। आज की कड़ी में हम टेस्ट क्रिकेट में लगातार चार छक्के जड़ने वाले बल्लेबाजों के बारे में जानेंगे।
कपिल देव- कपिल देव 30 जुलाई 1990 को हुए टेस्ट मुकाबले में इंग्लैंड के गेंदबाज एडी हेमिंग्स की 4 गेंदों पर लगातार छक्के लगाकर भारतीय टीम को फॉलोऑन से बचाया था। उस मुकाबले में भारत को 24 रन की जरूरत थी और मात्र एक ही विकेट बाकी था। ऐसे में कपिल देव लगातार चार छक्के जड़कर, नाबाद 77 रनों की पारी खेलकर अपनी टीम को फॉलोऑन खेलने से बचा लिए थे।
शाहिद अफरीदी- शाहिद अफरीदी लगातार चार चौके जड़ने का कारनामा भारत के खिलाफ 2006 में हुए टेस्ट मैच के दौरान लाहौर टेस्ट में किए थे। शाहिद अफरीदी के पारी के दौरान भारत के लिए हरभजन सिंह गेंदबाजी की कमान संभाल रहे थे। अफरीदी ने हरभजन सिंह द्वारा दिए गए शुरुआत के 4 गेंदों को हवाई रस्ते से सीमा रेखा के पार भेज दिया। अफरीदी उस पारी में कुल 7 छक्के जड़कर शतक भी अपने नाम कर लिए।
एबी डीविलियर्स- दक्षिण अफ्रीका के दिग्गज बल्लेबाज एबी डिविलियर्स का नाम भी लगातार चार छक्के जड़ने वाले खिलाड़ियों में शामिल है। 2009 में केपटाउन में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए मुकाबले में डिविलियर्स ने मैकडॉनल्ड की गेंद पर लगातार चार छक्के जड़कर 163 रनों की शानदार पारी खेलते हुए दक्षिण अफ्रीका को 20 रनों से जीत भी दिलाए थे।
इन तीन खिलाड़ियों ने अंतर्राष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी करते हुए विपक्षी टीम के गेंदबाजों पर हावी होते हुए लगातार चार गेंदों पर 4 छक्के लगाए हैं। इन खिलाड़ियों के अलावा अंतरराष्ट्रीय टेस्ट क्रिकेट में ऐसे 13 बल्लेबाज मौजूद है, जो धमाकेदार बल्लेबाजी करते हुए टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक छक्का लगा चुके हैं। कई बार खिलाड़ी विपक्षी टीम के गेंदबाजों पर गुस्’सा उतारने के लिए और तेज गति से रन बनाने के चक्कर में गेंदबाजों की जमकर धुनाई किए है। टेस्ट क्रिकेट के मुकाबले में चक्कर लगाना आम बात नहीं रहता है।
कई बार ऐसा देखा गया है, कि टेस्ट क्रिकेट में छक्का लगाने के चक्कर में बल्लेबाज जल्दबाजी में अपना विकेट गंवा कर टीम को मुसी’बत में डाल देते हैं। ज्यादातर मौकों पर यह देखा गया है, कि पूछले बल्लेबाज ही टेस्ट क्रिकेट में ज्यादा छक्के लगाते हैं। क्योंकि गेंदबाजों को टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है, और अगर डॉट गेंद खेलकर बल्लेबाजी करना चाहे, तो जल्दबाजी में न विकेट गवां बैठते हैं। क्योंकि गेंदबाज केवल गेंदबाजी कर सकता है, बल्लेबाजी करने के लिए उसे अलग से प्रैक्टिस करनी पड़ती है।
पिछले एक दशक से टेस्ट क्रिकेट काफी एडवांस हो चुकी है। इसका सबसे बड़ा कारण है, कि टेस्ट क्रिकेट के लगभग सभी मुकाबले मौजूदा समय में किसी न किसी नतीजे पर समाप्त हो रहे हैं। चाहे किसी टीम को जीत मिले, चाहे किसी टीम को हार। ऐसा बहुत कम ही देखने को मिल रहा है, कि टेस्ट क्रिकेट का कोई मुकाबला ड्रॉ पर समाप्त हो। पहले के मुकाबले खिलाड़ियों के बल्लेबाजी करने की गति भी काफी तेज हुई है, और बल्लेबाज अच्छी स्ट्राइक रेट से बल्लेबाजी पर तेज गति से रन बना रहे हैं। आने वाले दिनों में टेस्ट क्रिकेट में और भी कई बड़े बड़े बदलाव दिख सकते हैं।