ऐसे 11 भारतीय खिलाड़ी जो क्रिकेट के बाद राजनीति में कमाए खूब नाम

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ऐसे 11 भारतीय खिलाड़ी जो क्रिकेट के बाद राजनीति में कमाए खूब नाम 11 indian players who opt politics

सभी खेलों में सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला खेल क्रिकेट है। मानो लोग क्रिकेट को धर्म की तरह पूछते हैं और क्रिकेटर को भी तहे दिल से सम्मान भी देते हैं। क्रिकेट में अपने पसंदीदा टीम की जीत को लोग अपनी जीत और हार को लोग अपनी हार समझते हैं। क्रिकेटर्स भी टीम को जीत दिलाने के लिए हर संभव प्रयासरत रहते हैं और जीत दिलाते भी हैं। क्रिकेट में एक खिलाड़ी अपना संपूर्ण योगदान देते ही हैं और उसके बाहर भी कई फिल्डो में उनका काफी ज्यादा योगदान रहता है। जिसकी वजह से कई राजनीतिक पार्टियां उन्हें अपने कैंपेन में शामिल करने का मौका देती है और क्रिकेटर्स राजनीतिक में भी शामिल होकर वहां भी अपना चौका और छक्का लगाते ही हैं। आज हम ऐसे ही कुछ क्रिकेटर्स के बारे में जानेंगे जो राजनीति में भी अपने चौके और छक्के की बरसात कर दिए।

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मोहम्मद अजहरुद्दीन- भारतीय क्रिकेट टीम में लगातार अपनी सुर्ख़ियों में छाए रहने वाले मोहम्मद अजहरुद्दीन अपने कैरियर के पहले तीन मैचों में लगातार तीन शतक लगाकर सभी क्रिकेटर्स के साथ अपने फैंस का भी दिल जीत लिए। वे 1989 में भारतीय क्रिकेट टीम में अपना डेब्यू किए और 45 टेस्ट मैच और 174 एकदिवसीय मैचों में अपना शानदार प्रदर्शन दिखाए। वनडे मैचों में अजहरुद्दीन में 9378 रन बनाए। क्रिकेट में अपना शानदार योगदान देने के बाद वे 2009 में भारतीय कांग्रेस पार्टी को भी ज्वाइन किए। 2009 में आम चुनाव में उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से जीत कर मोहम्मद अजहरुद्दीन सांसद बने और वर्तमान में वे तेलंगना कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं।

गौतम गंभीर- भारतीय टीम के दिग्गज ओपनर रह चुके गौतम गंभीर हमेशा से ही राजनीतिक पार्टियों में छाए रहे हैं। वे 147 मैचों में 11 शतक और 5238 रन बना चुके थे। राजनीति में अपना कदम रखने से पहले गौतम गंभीर आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स और कोलकाता नाइट राइडर्स के भी कप्तान रह चुके हैं। वे 2011 के वर्ल्ड कप फाइनल मुकाबले में 97 रन और 2007 के T20 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में 75 रन बनाकर भारतीय टीम को विजेता बनाए थे। गंभीर 2019 में अरुण जेटली और रवि शंकर प्रसाद की उपस्थिति में भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किए।

विनोद कांबली- मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर के साथ ही भारतीय टीम के लिए अपने कैरियर की शुरुआत करने वाले विनोद कांबली अपने टेस्ट क्रिकेट कैरियर में मात्र 14 पारियों में 1000 रन बनाकर एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किए। कांबली अपने रणजी कैरियर के पहले गेंद पर ही छक्का जड़ दिए थे। विनोद कांबली 1991 में पाकिस्तान के खिलाफ हुए वनडे और 1993 में इंग्लैंड के खिलाफ हुए टेस्ट मुकाबले में अपना डेब्यू किए और जल्द ही क्रिकेट से सन्यास भी ले लिए थे। उसके बाद वे राजनीतिक में भी कदम रखने में पीछे नहीं रहे। अपने इच्छा अनुसार कांबली भक्ति शक्ति पार्टी के उपाध्यक्ष के पद पर ज्वाइन किए और 2019 के लोक भारती पार्टी की तरफ से मुंबई के विक्रोली से लोकसभा का चुनाव भी लड़े।

चेतन चौहान- चेतन चौहान 179 प्रथम श्रेणी मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए 11000 से ज्यादा रन और 21 शतक लगा चुके हैं। 1981 में चेतन ने अपना आखिरी मुकाबला खेला था उसके बाद वह भारतीय जनता पार्टी को ज्वाइन किए और 1991 से 1998 तक अमरोहा के लोकसभा के सदस्य भी बने रहे। 1998 में चेतन बहुजन समाज पार्टी के हसन अली को 35 हजार से ज्यादा वोट से हराकर लोकसभा पार्टी में भी अपनी जीत पक्की किए। इतना ही नहीं 2018 से 2020 तक चेतन चौहान उत्तर प्रदेश के युवा और खेल मंत्री का भी पदभार संभाले हैं। 2020 में आई कोरो’नावायरस चेतन चौहान के लिए काफी घातक साबित हुई और 16 अगस्त को कोरो’नावायरस की वजह से ही उन्हें क्रिकेट और राजनीति से ही नहीं बल्कि इस दुनिया को ही अलविदा कहना पड़ा।

मोहम्मद कैफ- मोहम्मद कैफ भारतीय टीम के बेहतरीन क्षेत्ररक्षण में से एक रहे हैं। 2006 में हुए अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले के बाद वे संयास ले लिए लेकिन हाल ही में कैप रोड सेफ्टी वर्ल्ड सीरीज में इंडिया लीजेंड्स की टीम का हिस्सा भी बने। मोहम्मद कैफ के फील्डिंग की पूरी दीवानी थी। वे 2017 से भारतीय टीम के कोच के रूप में कार्यभार संभाल रहे हैं। 2014 में ही मोहम्मद कैफ कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करके उत्तर प्रदेश के फूलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़े और बीजेपी के पार्टी के केशव मौर्या को हराकर विजेता बने।

तेजस्वी यादव- बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव और उनके पुत्र तेजस्वी यादव को लोग राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय जनता दल से ज्यादा जानते हैं, लेकिन वह भी सभी क्रिकेटर रह चुके हैं। तेजस्वी कभी 2008 में दिल्ली डेयरडेविल्स के हिस्सा रहे थे। वैसे पूरे सीजन में तेजस्वी बेंच पर ही बैठे रहे, उन्हें कोई मैच खेलने का मौका नहीं मिला। इतना ही नहीं तेजस्वी यादव 2009 में झारखंड के लिए स्टेट लेवल पर भी खेले हैं। वे राजनीतिक विषयों को लेकर हमेशा ही चर्चा में बने रहते हैं।

कीर्ति आजाद- राजनीतिक परिवार से आने वाले बच्चों का भी राजनीतिक में ही ज्यादा रुझान रहता है। वैसे ही बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद के पुत्र कीर्ति आजाद का भी राजनीतिक में बचपन से ही काफी रुझान था, लेकिन उनका रुझान पहले क्रिकेट के तरफ खींच लाया और वे एक धाकड़ बल्लेबाज और ऑफ स्पिनर के रूप में क्रिकेट में भी अपना खूब नाम कमाए। 1980 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए वनडे मुकाबले और 1981 में न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए टेस्ट मैच में कीर्ति ने अपना डेब्यू किया था। अपने कैरियर में वे सिर्फ 7 टेस्ट और 25 एकदिवसीय मुकाबला खेले। 1983 में भारतीय टीम वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम की थी, उस समय कीर्ति आजाद भी टीम का हिस्सा रहे। कीर्ति आजाद ने भी आगे चलकर भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने। वे 2014 में दरभंगा से लोकसभा का चुनाव लड़े और विजेता भी रहे। 2015 में आजाद को बीजेपी की टीम ने निष्का’सित कर दिया उसके बाद वे 2019 में कांग्रेस की पार्टी जॉइन कर लिए।

मनोज प्रभाकर- मनोज प्रभाकर का नाम क्रिकेट जगत में बड़े ही सम्मान के साथ लिया जाता है। वे दाएं हाथ के बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों ही रहे। प्रभाकर अपने क्रिकेट कैरियर में 96 टेस्ट, 157 वनडे और 350 प्रथम श्रेणी के विकेट अपने नाम कर चुके हैं। 1996 में प्रभाकर ने अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला था। मनोज प्रभाकर को भी राजनीतिक में रुझान काफी ज्यादा था, जिसके लिए वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को ज्वाइन किए और 1996 में दिल्ली से चुनाव भी लड़े।

मनोज तिवारी- मनोज तिवारी का क्रिकेट कैरियर देखा जाए तो वह आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स, राइजिंग पुणे, सुपर जॉइंट्स और किंग्स इलेवन पंजाब की टीम के साथ अपना प्रदर्शन दिखा चुके हैं। मनोज 2008 में एकदिवसीय और 2011 में T20 मैच में अपना डेब्यू किए थे। आगे 2015 से मनोज को एक भी अंतर्राष्ट्रीय मैच खेलते हुए नहीं देखा गया है। 2021 में मनोज तिवारी ने ममता बनर्जी की अगुवाई वाले तृणमूल कांग्रेस को ज्वाइन करके राजनीतिक में अपना कदम रखे हैं।

अशोक डिंडा- अशोक डिंडा अपने अंतर्राष्ट्रीय कैरियर में कुल 22 मैच खेल चुके हैं। आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स कोलकाता नाइट राइडर्स, पुणे वारियर्स, इंडिया, राइजिंग पुणे और सुपर जॉइंट्स टीम का भी हिस्सा रह चुके हैं। वे अपनी गेंदबाजी और बल्लेबाजी से बड़े-बड़े बल्लेबाजों का छक्का छुड़ा दिया करते थे। डिंडा 2013 में अपना आखिरी अंतर्राष्ट्रीय मुकाबला खेले थे। क्रिकेट से अपना कैरियर अलग करके अशोक डिंडा भी बीजेपी को ज्वाइन किए।

नवजोत सिंह सिद्धू- क्रिकेट में तहलका मचाने वाले नवजोत सिंह सिद्धू अपने कैरियर में 51 टेस्ट और 136 एकदिवसीय मुकाबला खेल चुके हैं। वे 1987 में हुए वर्ल्ड कप में चार अर्द्धशतक लगाकर खूब चर्चा में बने हुए थे। उनके छक्का लगाने के तरीके कारण उन्हें ‘सिक्सर सिद्धू’ भी कहा जाता है। वे 1999 में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपना आखिरी टेस्ट मुकाबला खेलें, उसके बाद सिद्धू कई धारावाहिकों में भी काम किए। आगे नवजोत सिंह सिद्धू का भी रुझान राजनीतिक की तरफ बढ़ा और वे भी 2004 में बीजेपी को ज्वाइन किए और 2016 तक की टीम में बने रहे। 2017 में सिद्धू भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस को ज्वाइन किए और 2019 में इस्तीफा भी दे दिए।