हर इंसान अपने बेहतर कैरियर के लिए दर-दर की ठोकरें खाता है और आखिरकार अपने मेहनत के बदौलत एक दिन अपना मनचाहा मुकाम हासिल भी करता है। कोई भी काम पूरे जीवन भर का नहीं होता है, एक ना एक दिन उसे छोड़ना भी पड़ता है। वह पल हर किसी के लिए भावुक कर देने वाला होता है क्योंकि काम के साथ-साथ वहां के लोगों से भी कुछ खास लगाव हो जाता है। अपने प्रोफेशन से अनेकों खास यादें जुड़ जाती हैं, जिससे कोई जुदा नहीं होना चाहता लेकिन एक ना एक दिन होना ही पड़ता है। वैसे ही क्रिकेट कैरियर में भी एक क्रिकेटर को अपने प्रोफेशन से जुदा होना पड़ता है। अपने मर्जी के अनुसार सभी क्रिकेटर सन्यास लेते हैं और उनका फेयरवेल काफी यादगार भी रहता है। आज़ हम ऐसे पांच खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जिनके विदाई में पूरा स्टेडियम ही रो पड़ा था।
वे खिलाड़ी जिनके विदाई में रो पड़ा पूरा स्टेडियम
ब्रायन लारा- ब्रायन लारा वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम के बड़े ही दिग्गज खिलाड़ी रहे हैं। भले ही आज के दौड़ में वेस्टइंडीज की टीम पिछड़ते चली जा रही है लेकिन इस टीम में अनेकों महान खिलाड़ी रहे हैं, जिनमें से एक ब्रायन लारा भी है। इनका टीम के लिए अभूतपूर्व योगदान रहा है, जिससे आज भी हर क्रिकेट प्रेमी इनको याद रखते हैं। ये इंटरनेशनल क्रिकेट, वनडे या टेस्ट दोनों में ही अपना प्रभावशाली प्रदर्शन दिखाए हैं। ब्रायन लारा वेस्टइंडीज टीम के लिए बहुत ही महत्व रखते थे। जब वे अपने क्रिकेट कैरियर को अलविदा कहे तो पूरा स्टेडियम भावुक हो गया, उनके कई फैंस तो इस गम में फिर कभी दिखाई भी नहीं दिए।
मुथैया मुरलीधरन- क्रिकेट कैरियर के महान गेंदबाजों में शामिल मुथैया मुरलीधरन श्रीलंका के स्पिन गेंदबाज हैं। उनका नाम ऑस्ट्रेलिया के महान गेंदबाज शेन वर्ण के साथ हमेशा ही जुड़ा रहा है। टेस्ट क्रिकेट इतिहास में मुरलीधरन ने सबसे ज्यादा 800 विकेट लेने का कारनामा किया है। वे अपने आक्रमक गेंदबाजी से बल्लेबाजों में काफी खौफ पैदा किए थे, जो बहुत कम गेंदबाज ही कर पाए। मुरलीधरन का आखिरी मैच 2011 में हुए विश्वकप ही रहा, जिसमें टीम को हार का सामना करना पड़ा। इसी मैच के दौरान मुथैया मुरलीधरन में अपने क्रिकेट कैरियर को अलविदा कह दिए और पूरे स्टेडियम को भावुक कर दिए।
लसिथ मलिंगा- श्रीलंका की टीम में भी कई बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं, जिनमें कईयों ने तो खूब नाम कमाया है। उन्हीं खिलाड़ियों में से एक हैं लसिथ मलिंगा, जिनका नाम आज भी अधिकारी सम्मान के तौर पर लिया जाता है। श्रीलंका क्रिकेट टीम के लिए मलिंगा द्वारा दिया गया योगदान कभी भी भूलने योग्य नहीं है। वे अभी भी अपने टी-20 कैरियर में आगे बढ़ने का फैसला किए हैं लेकिन पिछले साल अपने वनडे क्रिकेट कैरियर से संयास ले लिए। श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच हुए वनडे मैच उनके लिए आखिरी वनडे मैच रहा। उसी समय मलिंगा ने अपने क्रिकेट कैरियर से संन्यास की घोषणा करके फैंस और पूरे श्रीलंकाई टीम को भावुक कर दिए।
सौरव गांगुली- भारतीय क्रिकेट टीम में एक से बढ़कर एक महान और बेहतरीन खिलाड़ी रहे हैं। भारत के महान क्रिकेटरों का बात किया जाए तो उसमें सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़, सौरव गांगुली जैसे नाम सबसे पहले लिया जाता है। वर्तमान में बीसीसीआई के अध्यक्ष और भारत के पूर्व महान कप्तान सौरव गांगुली का अपनी टीम के लिए योगदान काफी शानदार रहा। वे ना सिर्फ बल्लेबाजी बल्कि कप्तानी भी अनोखे अंदाज में करते थे और सबका दिल जीत लेते थे। गांगुली ने 2008 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए मुकाबले के बाद अपने क्रिकेट कैरियर से सन्यास ले लिए। उनके संन्यास की घोषणा पूरे भारतीय टीम के साथ-साथ क्रिकेट प्रेमियों को भी बहुत दुखी कर दिया।
सचिन तेंदुलकर- भारतीय टीम के मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर क्रिकेट जगत के सबसे महान खिलाड़ी रहे हैं। उनका भारतीय टीम के लिए उनका योगदान काफी यादगार रहा है। सचिन तेंदुलकर अपने कैरियर में कई ऐतिहासिक रिकॉर्ड भी हासिल किए हैं, जैसे शौ शतक लगाना। उनके द्वारा बनाए गए अनेकों अनोखे रिकॉर्ड के लिए उन्हें क्रिकेट का सबसे बड़ा रिकॉर्ड पुरुष कहा जाता है। वे सबसे ज्यादा रन भी बनाए हैं। भारतीय टीम के लिए 24 सालों तक अपना संपूर्ण योगदान देने के बाद तेंदुलकर ने 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ हुए टेस्ट मैच के बाद घरेलू स्टेडियम वानखेड़े में अपने क्रिकेट कैरियर से अलविदा हो गए। मास्टर ब्लास्टर के विदाई के समय हर किसी की आंखें भर आई थी। यह वो पल था जो क्रिकेट जगत में उससे पहले कभी नहीं देखा गया था।