महेंद्र सिंह धोनी को साल 2007 में पहली बार भारतीय टीम का कप्तान बनाया गया था। साल 2007 में ही दक्षिण अफ्रीका की धरती पर हुए टी-20 विश्वकप का खिताब महेंद्र सिंह धोनी अपनी कप्तानी के दौरान भारतीय टीम को जिताए थे। लगभग 12 सालों तक भारतीय टीम के लिए बतौर कप्तान और विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका निभाने वाले महेंद्र सिंह धोनी अपने क्रिकेट कैरियर में कई बड़े कीर्तिमान हासिल किए है। धोनी अपनी कप्तानी के दौरान भारतीय टीम को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में नंबर वन टीम बनाए रखें। आज भी महेंद्र सिंह धोनी को भारतीय टीम के फैंस काफी याद करते हैं।
धोनी अपनी कप्तानी के दौरान भारतीय टीम के लिए 199 वनडे मुकाबलों में कप्तानी करते हुए 110 मुकाबलों में जीत दिलाए थे। साल 2000 से साल 2018 तक भारतीय टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ही रहे। महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम के लिए टेस्ट क्रिकेट में 60 मुकाबले में कप्तानी करते हुए 27 मुकाबलों में जीत दीलाए थे। वही टी-20 क्रिकेट में धोनी 72 मुकाबलों में कप्तानी करते हुए 41 मुकाबले जीते थे। आज इस खबर के माध्यम से हम आपको ऐसे पांच खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे जो धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम में जगह नहीं बना पाए लेकिन यह सभी खिलाड़ी भारतीय टीम में लंबे समय तक क्रिकेट खेलने के हकदार थे।
इरफान पठान- भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व सबसे बेहतरीन बाएं हाथ के ऑलराउंडर खिलाड़ी इरफान पठान अपने समय के काफी बेहतरीन खिलाड़ी थे। इरफान पठान अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत सौरव गांगुली की कप्तानी में किए थे। वे अपने क्रिकेट कैरियर के शुरुआती दिनों में काफी बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारतीय टीम के प्रमुख खिलाड़ी थे। लेकिन धोनी के कप्तान बनने के बाद इरफान पठान भारतीय टीम के लिए लगातार क्रिकेट नहीं खेल पाए, और उनका प्रदर्शन खराब होते चला गया।
रोबिन उथप्पा- भारतीय घरेलू क्रिकेट के सबसे बेहतरीन खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा कर्नाटक की तरफ से रणजी क्रिकेट खेलते थे। आईपीएल में अलग-अलग फ्रेंचाइजी टीम के साथ क्रिकेट खेलने वाले रोबिन उथप्पा भारतीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में राहुल द्रविड़ की कप्तानी में अपने क्रिकेट कैरियर की शुरुआत किए थे। Robin Uthappa को 2007 के T20 विश्व कप में खेलने को भी मिला था। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी का कप्तान बनाए जाने के बाद रोबिन उथप्पा को भारतीय अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के लिए ज्यादा क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला।
नमन ओझा- भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज घरेलू क्रिकेट में काफी लंबे समय तक क्रिकेट खेले है। महेंद्र सिंह धोनी की गैरमौजूदगी में नमन ओझा को भारतीय टीम का दूसरा विकेटकीपर बल्लेबाज समझा जाता था। लेकिन नमन ओझा को महेंद्र सिंह धोनी की टीम में बने रहने के चलते ही ज्यादा क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला। इस बात में कोई दो राय नहीं है कि धोनी नमन ओझा से अच्छे क्रिकेटर नहीं थे, जिसके चलते नमन ओझा को भारतीय टीम में ज्यादा क्रिकेट खेलने का मौका नहीं मिला।
अंबाती रायडू- हैदराबाद की तरफ से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले दाएं हाथ के बेहतरीन बल्लेबाज अंबाती रायडू अपनी बेहतरीन प्रदर्शन के चलते भारतीय क्रिकेट टीम में जगह बनाए थे। लेकिन सीनियर खिलाड़ियों की मौजूदगी में अंबाती रायडू को भारतीय टीम के चयनकर्ता नजरअंदाज किए। अंबाती रायडू को महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम में क्रिकेट खेलने को मौका मिला था। लेकिन रायडू का क्रिकेट कैरियर धोनी के ही कप्तानी में समाप्त हो गया।
रिद्धिमान साहा- मौजूदा समय में भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा एक बहुत ही प्रतिभावान खिलाड़ी हैं। Wriddhiman Saha को भी ऋषभ पंत की गैरमौजूदगी में भारतीय टेस्ट टीम में शामिल किया जा रहा है। जब महेंद्र सिंह धोनी भारतीय टीम के लिए लगातार क्रिकेट खेल रहे थे, तो रिद्धिमान साहा को भारतीय टीम में मौका नहीं मिल पा रहा था। लेकिन महेंद्र सिंह धोनी के रिटायर होने के बाद रिद्धिमान साहा भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के प्रमुख विकेटकीपर बल्लेबाज बने।