मौजूदा समय में भारतीय तेज गेंदबाज दुनिया के नंबर वन कही जा रही है। लगभग पिछले दो दशक से क्रिकेट में भारतीय टीम की तरफ से तेज गेंदबाजी का सूखा लगभग खत्म हो चुका है। ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका के जैसे भारतीय टीम में भी धाकड़ तेज गेंदबाज शामिल हो चुके हैं। जब से T20 क्रिकेट का चलन बढ़ा हुआ है, उसके बाद गेंदबाज और बल्लेबाज के बीच जबरदस्त टक्कर देखने को मिलती है।
भारतीय टीम में मौजूदा समय में मौजूद है, 4 स्पेशलिस्ट गेंदबाज, जिनको बल्लेबाजों के द्वारा खेलने में बहुत ही ज्यादा कठिनाई होती है। इस आर्टिकल के माध्यम से हम ऐसे ही चारों गेंदबाजों के बारे में बताने वाले हैं। कृपया पूरी खबर अंत तक पढ़े –
जसप्रीत बुमराह – वर्ल्ड क्रिकेट में अपनी सटीक लाइन लेंथ और यॉर्कर गेंदबाजी के लिए मशहूर जसप्रीत बुमराह भारतीय टीम के फ्रंटलाइन गेंदबाजों में से एक हैं। जसप्रीत बुमराह जब गेंदबाजी करने के लिए क्रीज पर उतरते हैं तो सामने वाले टीम के बल्लेबाजों के मन में खौफ पैदा कर देते हैं। जसप्रीत बुमराह बल्लेबाजों को रन बनाने में रोकने के साथ-साथ विकेट चटकाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारतीय टीम के स्पेशलिस्ट गेंदबाजों में जसप्रीत बुमराह पहले स्थान पर शामिल हैं।
दीपक चाहर – भारतीय टीम के लिए टी-20 और एकदिवसीय मुकाबले खेल चुके युवा तेज गेंदबाज दीपक चाहर अपनी टीम की गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं। दीपक चहर ने बहुत ही कम समय में वर्ल्ड क्रिकेट में अपना नाम कमाया है। दीपक चहर शुरुआती के ओवरों में जबर्दस्त गेंदबाजी करते हुए बल्लेबाजों को रन बनाने में से रोकने में कामयाब रहते हैं। वैसे दीपक चाहर को अंतिम के ओवरों में बहुत ही कम गेंदबाजी करने का मौका मिला है।
मोहम्मद शमी- भारतीय टीम के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी अपनी सटीक यॉर्कर और स्विंग गेंदबाजी के लिए पूरी दुनिया में मशहूर हैं। मोहम्मद शमी अपनी स्विंग गेंदबाजी के चलते, देश और दुनिया के तमाम खिलाड़ियों को खासा परेशान किया है। मोहम्मद सामी की गेंदों से खिलाड़ियों को रन बनाने में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है। मोहम्मद शामी भारतीय क्रिकेट के तीनों प्रारूप में जबर्दस्त गेंदबाजी कर चुके हैं।
भुवनेश्वर कुमार – स्विंग मास्टर भुवनेश्वर कुमार अपनी सटीक लाइन लेंथ से गेंदबाजी करते हुए भारतीय इंटरनेशनल टीम के लिए काफी विकेट चटकाए हैं। भुवनेश्वर कुमार भारतीय T20 क्रिकेट के स्पेसलिस्ट गेंदबाजों में से एक हैं। कुमार की गेंदों पर रन बनाने के लिए सामने वाली टीम के बल्लेबाजों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। साल 2012 में भारतीय टीम में डेब्यू करने वाले भुवनेश्वर कुमार निरंतर अंतराल पर अपना जबरदस्त प्रदर्शन कायम रखे हैं।