जब भी किसी खिलाड़ी का प्रदर्शन घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन रहता है, तो उस खिलाड़ी के ऊपर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कप्तान और चयनकर्ताओं का नजर टिकता है। अगर वह खिलाड़ी लगातार शानदार प्रदर्शन करता है, तो उस खिलाड़ी को तुरंत इंटरनेशनल क्रिकेट टीम में मौका मिलता है। टीम के चयनकर्ता या कप्तान के हाथ में इतनी पावर होती है, कि वह किसी भी खिलाड़ी को टीम से बाहर और अंदर कर सकता है। ऐसे में एक क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों को टीम के कप्तान और चयनकर्ताओं से आपसी तालमेल बनाए रखना पड़ता है। कई बार ऐसा देखा गया है, कि चयनकर्ताओं या कप्तान से वि’वाद के बाद उस खिलाड़ी को दोबारा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में मौका नहीं मिल पाता। आज इस खबर के माध्यम से हम आपको ऐसे 6 भारतीय खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे, जिनका क्रिकेट कैरियर कप्तान और चयनकर्ताओं से वि’वाद या उटपटांग बयान देने की वजह से समाप्त हो गया।
अंबाती रायडू- भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व मध्य क्रम के अच्छे बल्लेबाजों में से एक अंबाती रायडू का एक बयान उनके पूरे क्रिकेट कैरियर पर भारी पड़ गया। अंबाती रायडू एक समय भारतीय क्रिकेट टीम के मध्यक्रम के बेहतरीन बल्लेबाज माने जा रहे थे। लेकिन साल 2019 में हुए वनडे विश्व कप के दौरान उनका चयन टीम में नहीं किया गया। टीम में चयन नहीं होने के बाद टीम के प्रमुख चयनकर्ता एसएम के प्रसाद ने रायडू की जगह विजय शंकर को टीम में मौका दिया था। और विजय शंकर के रूप में एसएम के प्रसाद ने 3D विकल्प का नाम दिया था। ऐसे में टीम में नहीं चुने जाने के बाद अंबाती रायडू ने यह बयान दिए, कि मैंने अभी-अभी एक 3D ग्लास का चश्मा आर्डर किया है। रायडू के इस बयान के बाद उन्हें दोबारा भारतीय टीम में मौका नहीं मिला।
मुरली विजय- एक समय भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के महत्वपूर्ण सलामी बल्लेबाजों में से एक मुरली विजय के बिना भारतीय टीम कोई भी टेस्ट मुकाबला नहीं खेलती थी। लेकिन साल 2018 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर मुरली विजय का प्रदर्शन बेहद खराब रहा और उन्हें टीम से बाहर किया गया था। टीम से बाहर होने के बाद मुरली विजय की जगह टीम के चयनकर्ताओं ने नौजवान खिलाड़ियों को बतौर सलामी बल्लेबाज मौका दिया था। टीम में दोबारा चयन नहीं किए जाने के चलते मुरली विजय टीम के चयनकर्ताओं के ऊपर यह बयान दिए कि मुझे टीम से बिना किसी कमी के चलते बाहर किया गया है। मुरली विजय के ऊपर उनका यह बयान काफी भारी पड़ा और उन्हें दोबारा टीम में कभी मौका नहीं मिल पाया।
वसीम जाफर- भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के लिए दो दोहरा शतक लगा चुके पूर्व भारतीय खिलाड़ी वसीम जाफर घरेलू क्रिकेट में काफी लंबे समय तक क्रिकेट खेलते हुए खूब रन बनाए है। जब वसीम जाफर को उनके शानदार प्रदर्शन किए जाने के बाद मौका मिला और जब वे इंटरनेशनल क्रिकेट टीम से ड्रॉप हुए तो एक बयान दिए थे कि मैं घरेलू क्रिकेट में 13000 से ज्यादा रन बनाया हूं। ऐसे में मुझे और चयनकर्ताओं को प्रभावित नहीं करना है तो मुझे दोबारा टीम में मौका मिलना चाहिए। वसीम जाफर द्वारा दिया गया यह उटपटांग बयान उनके ऊपर काफी भारी पड़ा, और उन्हें दोबारा टीम में शामिल होने का मौका नहीं मिला।
फैज फजल- भारतीय रणजी क्रिकेट टीम के स्टार खिलाड़ी फैज फजल अपनी कप्तानी के दौरान अपनी रणजी टीम को दो बार खिताब जीत दिला चुके हैं। Faiz Fazal को उनके शानदार प्रदर्शन किए जाने के चलते भी भारतीय टीम में मौका नहीं मिला और वें एक ट्वीट कर बैठे। अपनी ट्वीट के दौरान फैज फजल चयनकर्ताओं पर निशाना साधते हुए बोले कि मैं दो बार अपनी कप्तानी के दौरान बेहतरीन बल्लेबाजी का प्रदर्शन करते हुए अपनी टीम को रणजी और ईरानी कप जीताया हूं। ऐसे में मुझे और अपने आप को प्रूफ नहीं कर रहा है। अगर चयनकर्ताओं का मन हो तो मुझे टीम में शामिल कर सकते हैं, अगर नहीं है तो कोई बात नहीं। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है।
मनोज तिवारी- भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व खिलाड़ी मनोज तिवारी को उनकी खराब प्रदर्शन के चलते भारत में इंटरनेशनल क्रिकेट टीम से बाहर किया गया था। एक समय मनोज तिवारी भारतीय क्रिकेट टीम के मध्यक्रम के बेहतरीन खिलाड़ी माने जा रहे थे, लेकिन जब उन्हें मौका मिला तो उनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा और उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। टीम से बाहर होने के बाद मनोज तिवारी ने वि’वादित बयान देते हुए बोले कि, इतने ज्यादा रन बनाने के बाद भी मेरे जैसे अच्छे खिलाड़ी के साथ चयनकर्ता ऐसा नहीं कर सकते मुझे दोबारा टीम में मौका मिलना चाहिए। मनोज तिवारी द्वारा दिए गए इस बयान के बाद उन्हें दोबारा टीम में मौका नहीं मिला।
रिद्धिमान साहा- धोनी के संन्यास लेने के बाद भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के प्रमुख विकेटकीपर बल्लेबाज रिद्धिमान साहा ने हाल ही में भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ को लेकर एक बड़ा बयान दिया था। रिद्धिमान साहा का प्रदर्शन भारतीय टेस्ट क्रिकेट टीम के लिए बेहद खराब रहा है, और उन्हें लगातार मौके मिल रहे थे। ऐसे में उनकी खराब प्रदर्शन के चलती साहा की जगह टीम के विकेटकीपर बल्लेबाजी की भूमिका ऋषभ पंत के हाथों सौंपी गई। Riddhiman Saha का जब भारतीय टीम में चयन नहीं किया गया तो वे भारतीय टीम के कोच और चयनकर्ता पर सवाल खड़े किए। साहा द्वारा दिए गए बयान के बाद भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़ ने साफ तौर पर यह क्लियर कर दिया कि उन्हें दोबारा भारतीय टीम में मौका नहीं मिलेगा।