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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के ऐसे 4 बल्लेबाज जो अपनी टीम के लिए वन मैन आर्मी बनकर क्रिकेट खेले

सभी क्रिकेटर्स जीत की उम्मीद के साथ क्रिकेट के मैदान पर क्रिकेट खेलने के लिए उतरते हैं और अपना शानदार प्रदर्शन भी दिखाते हैं। कई बार एक खिलाड़ी की वजह से ही टीम को जीत और हार का सामना करना पड़ता है। सभी क्रिकेट टीम में ऐसे कई खिलाड़ी मौजूद हैं, जो अकेले भी टीम को जीत दिलाने का दमखम रखते हैं और कई बार अपनी टीम को हार के मुंह से भी बचा कर लाए हैं। आज की इस कड़ी में हम ऐसे चार बल्लेबाजों के बारे में बताएंगे जो अपनी टीम के लिए “वन मैन आर्मी” साबित हो चुके हैं।

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शाकिब अल हसन- शाकिब अल हसन बांग्लादेश के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेटरों में से एक हैं। शाकिब अल हसन क्रिकेट के इतिहास में सबसे तेज 4000 रन और 200 विकेट लेने का रिकॉर्ड अपने नाम दर्ज कर रखे हैं। यहां तक कि वनडे क्रिकेट मैच में भी बांग्लादेश के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों की सूची में दूसरे नंबर पर मौजूद है। वे 215 मैच में 6600 रन अपने नाम कर चुके हैं, जिसमें 9 शतक और 49 अर्द्धशतक भी शामिल है। इतना ही नहीं साकिब बांग्लादेश के लिए खेलते हुए 227 विकेट भी अपने नाम कर रखे हैं। क्रिकेट के टेस्ट मुकाबले में शाकिब अल हसन ने 215 विकेट हासिल किया है। वे बांग्लादेश की कप्तानी की बागडोर भी संभाल चुके हैं।

शिवनारायण चंद्रपॉल- वेस्टइंडीज के पूर्व खिलाड़ी शिवनारायण चंद्रपॉल का नाम सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ियों में दूसरे स्थान पर आता है। वे अपने क्रिकेट कैरियर में 164 टेस्ट मुकाबले खेलते हुए 51.37 के औसत से 11867 रन बना चुके हैं। चंद्रपॉल खड़े होकर बल्लेबाजी करने के लिए जाने जाते थे, वे लगातार टेस्ट मैच में लंबे समय तक क्रीज पर बने रहते थे। वे धीमी गति से रन बनाने के लिए भी प्रसिद्ध है और कई बार धीमी गति से रन बनाते हुए अपनी टीम को हार से भी बचाए हैं। चंद्रपाल के नाम टेस्ट क्रिकेट में नंबर वन की रैंक दर्ज है। वनडे क्रिकेट में वे 268 मैच खेलते हुए 41.7 के औसत से 8778 रन बना चुके हैं, जिसमें 11 शतक और 49 अर्द्धशतक भी शामिल है।

केविन पीटरसन- केविन पीटरसन का जन्म अफ्रीका में हुआ लेकिन वे इंग्लैंड के लिए शानदार प्रदर्शन किए हैं। वे जब इंग्लैंड के लिए खेलते थे, तो अपने अनोखे ववैए के लिए हमेशा चर्चा में बने रहते थे, इसके लिए उन्हें टीम से बाहर भी जाना पड़ता था। 2000 में हुए अपना शानदार प्रदर्शन करते हुए इंग्लैंड को कई बार हारते हुए मैच में भी जीत दिलाए हैं। वे वन मैन आर्मी के जैसे इंग्लैंड के टीम के लिए प्रदर्शन दिखाएं हैं। वेस्टइंडीज में 2007 में हुए वर्ल्ड कप में पीटरसन ने दो शतक और तीन अर्द्धशतक लगाए और वर्ल्ड कप में इंग्लैंड की तरफ से सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने।

मिस्बाह-उल-हक- मिस्बाह-उल-हक पाकिस्तान के लिए अपना पहला डेब्यू 2001 में टेस्ट क्रिकेट के दौरान किए थे। वे अनेकों मुकाबले में अपना प्रदर्शन दिखाए, लेकिन 2007 में हुए टी-20 वर्ल्ड कप के दौरान शानदार प्रदर्शन करके अपनी एक अलग पहचान बना लिए। यहां तक कि वे पाकिस्तानी क्रिकेट टीम के लिए कप्तान के रूप में भी प्रदर्शन दिए हैं। 2011 के आईसीसी वर्ल्ड कप में वे सबसे ज्यादा आठ मुकाबलों में 248 रन बनाएं। मिस्बाह-उल-हक 2015 में हुए वर्ल्ड कप में भी सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज बने थे। वे अपने क्रिकेट करियर में पाकिस्तान के लिए कुल 75 मुकाबले खेले हैं जिसमें 46.62 के औसत से 52 रन बनाए हैं, इसमें 10 शतक और 39 अर्द्धशतक भी शामिल है। मिस्बाह-उल-हक का वनडे क्रिकेट कैरियर की बात करें तो वे 162 मुकाबले में 43.40 के औसत से 122 रन अपने नाम किए हैं।

इन चार खिलाडियों के अलावा अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसे कई और खिलाड़ी मौजूद है, जो अपनी टीम के लिए संकटमोचक साबित होकर कई मुकाबलों में जीत दिलाए है। पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मुकाबलों में अकेले दम पर बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम को रन चेंज करते हुए साढे हुए मुकाबलों में जीत दिलाया है। लेकिन ये सभी चार खिलाड़ी शाकिब अल हसन, शिवनारायण चंद्रपाल, केविन पीटरसन और मिस्बाहुल हक काफी लंबे समय तक अपने देश के लिए क्रिकेट खेलते हुए अकेले अंत तक बल्लेबाजी करते हुए अपनी टीम को जीत दिलाया है।

दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज एबी डिविलियर्स भी कई बार अपनी टीम को हारे हुए मुकाबलों में ताबड़तोड़ अंदाज में बल्लेबाजी करते हुए जीत दिला चुके हैं। आने वाले दिनों में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में और भी कई बड़े और महान खिलाड़ी मिलेंगे, जो टीम को अकेले दम पर जीत दिलाएंगे। और वें अपनी टीम के लिए वन मैन आर्मी साबित हो सकते हैं। अन्य देशों की क्रिकेट टीम को देखा जाए तो कई खिलाड़ी अपनी टीम के लिए मैच विनर साबित हो चुके हैं।

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