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तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने सोशल मीडिया पर टीम में नहीं चुने जाने के चलते अपना भाव प्रकट किया

भारतीय घरेलू क्रिकेट स्टार बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट का क्रिकेट कैरियर काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। जयदेव उनादकट भारतीय इंटरनेशनल टीम के लिए साल 2010 में अपना पहला और आखिरी टेस्ट मुकाबला खेले थे। उसके बाद साल 2013 में उन्हें वनडे क्रिकेट टीम में शामिल किया गया। वहीं आखरी बार उन्हें साल 2018 में T20 टीम में शामिल किया गया था। काफी लंबे समय से भारतीय इंटरनेशनल क्रिकेट टीम से बाहर चल रहे बाएं हाथ के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट ने भारतीय टीम में चयन नहीं होने के चलते, मीडिया के सामने अपना भाव प्रकट किया। जयदेव उनादकट काफी लंबे समय से घरेलू क्रिकेट में काफी बेहतरीन गेंदबाजी कर रहे हैं।

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अपने ट्वीट में जयदेव उनादकट अपने हाथ में लाल गेंद को लेकर ट्वीट किए, कि मुझे एक और चांस मिलना चाहिए। 30 वर्षीय बाएं हाथ के लंबे कद के तेज गेंदबाज जयदेव उनादकट को भारतीय इंटरनेशनल क्रिकेट टीम में क्रिकेट खेलने के लिए ज्यादा मौके नहीं मिले हैं। हालांकि जयदेव उनादकट एक काफी बेहतरीन स्विंग और मिश्रण करते हुए गेंदबाजी करते हैं। जयदेव उनादकट अपने ट्वीट के जरिए दुख जताते हुए बोले कि मुझे एक बार और मौका मिलना चाहिए। मैं अपने फैंस को निराश नहीं करूंगा।

क्रिकेट में बढ़ती काफी ज्यादा प्रतिस्पर्धा के चलते कोई भी खिलाड़ी अगर अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहता है, तो टीम मैनेजमेंट उस खिलाड़ी को टीम से बाहर कर देती है। साथ ही उन खिलाड़ियों को कड़ी मेहनत और घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने की नसीहत भी दी जाती है। अगर वे खिलाड़ी दोबारा घरेलू क्रिकेट में अच्छा प्रदर्शन करते हैं, तो उन्हें भारतीय इंटरनेशनल क्रिकेट टीम में मौका दिया जाता है, नहीं तो उन खिलाड़ियों का क्रिकेट कैरियर समाप्त हो जाता है।

पिछले 10 सालों में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा कई बार देखा गया है, कि अच्छी फॉर्म में क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों द्वारा एक दूसरी में खराब प्रदर्शन किए जाने के बाद उन्हें टीम से बाहर कर दिया जाता है। जिसके बाद उन्हें दोबारा अपनी इंटरनेशनल टीम में जगह बनाने के लिए काफी मशक्कत करना पड़ता है। कई खिलाड़ी 2 दोबारा अपनी टीम में जगह भी नहीं बना पाते और सन्यास का घोषणा कर देते हैं। यह घट’ना कई महान खिलाड़ियों के साथ घट चुका है। कुछ ऐसे ही सेचुएशन मौजूदा समय में जयदेव उनादकट के साथ पैदा हुई है।

बात अगर जयदेव उनादकट के क्रिकेट करियर का किया जाए तो जयदेव उनादकट भारतीय टीम के लिए साल 2010 में मात्र 19 साल की उम्र में ही दक्षिण अफ्रीका टीम के खिलाफ अपना पहला टेस्ट मुकाबला खेले थे। अपने डेब्यू मुकाबले में जयदेव उनादकट 1 विकेट भी नहीं चटका पाए और काफी महंगे साबित हुए थे, जिसके चलते उन्हें दोबारा भारतीय टेस्ट टीम में जगह नहीं मिल पाया। साल 2013 में दोबारा जयदेव उनादकट की भारतीय टीम में वापसी हुई।

साल 2013 में जयदेव उनादकट को भारतीय वनडे क्रिकेट टीम में जिंबाब्वे की टीम के खिलाफ चुना गया था। भारतीय वनडे क्रिकेट टीम के लिए जयदेव उनादकट ने सात मुकाबले खेलते हुए 4 की बेहतरीन औसत से गेंदबाजी करते हुए 8 विकेट चटकाए हैं। वनडे क्रिकेट में खराब प्रदर्शन के बाद उनादकट को दोबारा वनडे क्रिकेट टीम में भी शामिल नहीं किया गया। फिर साल 2016 में जयदेव उनादकट को एक बार भारतीय टीम में वापस क्रिकेट खेलने के लिए मौका मिला। साल 2016 में जिंबाब्वे की टीम के खिलाफ उनादकट को ट्वेंटी-20 टीम में शामिल किया गया था।

जयदेव उनादकट भारतीय T20 क्रिकेट टीम के लिए 10 मुकाबले खेलते हुए 14 विकेट चटकाए हैं। लेकिन भारतीय घरेलू क्रिकेट में होने वाले आईपीएल में 86 मुकाबले खेलते हुए 85 विकेट चटकाए हैं। उनादकट का घरेलू क्रिकेट कैरियर काफी बेहतरीन रहा है। साल 2020 में हुए रणजी ट्रॉफी के दौरान जयदेव उनादकट मुकाबले खेलते हुए कुल 67 विकेट चटकाए थे, जिसके बाद से उनकी वापसी की उम्मीद भी जगी थी। लेकिन भारतीय चयनकर्ताओं के पास ज्यादा विकल्प होने के चलते, जयदेव उनादकट को दोबारा टीम में शामिल नहीं कर पाए।

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