भारतीय टीम की तरफ से अब तक टेस्ट क्रिकेट में 33 तो वहीं वनडे क्रिकेट में 24 और T20 में 6 कप्तान बदले गए हैं। हालांकि अब तक जितने भी कप्तान बदले गए हैं उसमें सिर्फ 5 ही खिलाड़ी ऐसे हैं जो बाएं हाथ के बल्लेबाज है। श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टीम में एक और नए कप्तान की घोषणा की गई है। शिखर धवन भारतीय टीम की अगुवाई करने वाले वनडे क्रिकेट के 25वें कप्तान तो वहीं T20 टीम के 7वें कप्तान के रूप में कप्तानी करेंगे।
आज हम इस लेख में बात करेंगे अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भारत के लिए कप्तानी करने वाले बाएं हाथ के 6 खिलाड़ियों के बारे में –
नारी कांट्रेक्टर (1960–62) – 26 साल की उम्र में नारी कांट्रेक्टर सन 1960 में सबसे कम उम्र के भारतीय कप्तान चुने गए। इस बाएं हाथ के बल्लेबाज को उनके मानसिक दृढ़ता के लिए जाना जाता था। उसका सबसे बेहतरीन उदाहरण दिया है कि सन 1959 में अपनी एक टूटी हुई पसली के बावजूद लॉर्ड्स क्रिकेट ग्राउंड पर उन्होंने 81 रन की शानदार पारी खेली थी। भारतीय टीम के लिए कप्तानी करने वाले पहले बाएं हाथ के खिलाड़ी को चार्ली ग्रिफिथ की शॉर्ट डिलीवरी पर चोटिल होने के बाद क्रिकेट से अलविदा कहना पड़ा था।
अजीत वाडेकर (1970–74) – टीम इंडिया के कप्तान, कोच और चयनकर्ता रह चुके मात्र 3 खिलाड़ियों में से एक अजीत वाडेकर भारतीय टीम के पहले बाएं हाथ के वनडे कप्तान थे। उन्होंने मात्र 2 वनडे मैचों में भारत के लिए कप्तानी की और इसके अलावा वे 16 टेस्ट मैचों में भी कप्तानी किए। साथ ही इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में भारत को पहली जीत दिलाने में सफलता हासिल किए। अजीत वाडेकर भारतीय टीम के एक बेहतरीन खिलाड़ी थे। उन्होंने टेस्ट कैरियर के 37 मुकाबलों में 2113 रन बनाए और भारत के लिए 2000 रन बनाने वाले पहले बाएं हाथ के बल्लेबाज बने। बल्लेबाजी क्रम में उनका नंबर 3 था। नंबर तीन पर बल्लेबाजी करते हुए उन्होंने कुल 1899 रन बनाए।
सौरभ गांगुली (1999 – 2006) – जब 2000 में भारत के सीनियर खिलाड़ियों की नाम फिक्सिंग में सामने आई थी तब सचिन तेंदुलकर के बाद सौरभ गांगुली ही थे, जिन्होंने टीम की कमान संभाली। दौर ऐसा था जब भारतीय टीम की एक नई पीढ़ी को लांच किया गया था। दादा नाम से प्रचलित सौरभ गांगुली अपने आक्रामकता के लिए जाने जाते थे। उन्होंने टीम इंडिया को एकजुट होकर खेलना सिखाया तो वहीं विदेशी पिचों पर भी भारतीय टीम जितना शुरू कर दिया। गांगुली के नेतृत्व में 2003 विश्व कप फाइनल और 2000 में नॉकआउट ट्रॉफी फाइनल गांगुली की कप्तानी के मुख्य उपलब्धियां थी। मौजूदा बीसीसीआई के अध्यक्ष सौरभ गांगुली को 2006 में उनके खराब फॉर्म की वजह से उन्हें कप्तानी से हटा दिया गया था।
गौतम गंभीर (2010 –11) – गौतम गंभीर भी बाएं हाथ के खिलाड़ी हैं। जिन्होंने भारतीय टीम के लिए कप्तानी की हैं। महेंद्र सिंह धोनी की गैरमौजूदगी में 2010 में उन्हें न्यूजीलैंड के साथ घरेलू सीरीज के लिए गौतम गंभीर को कप्तानी सौंपी गई थी, जिसमें भारतीय टीम न्यूजीलैंड को 5-0 से हरा दिया था, जिसमें टीम के कप्तान रहे गौतम गंभीर प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट भी रहे। अगर महेंद्र सिंह धोनी जैसे लीडर की मौजूदगी नहीं होती तो गौतम गंभीर के पास भी इस मुख्य भूमिका में ज्यादा समय होता। बावजूद इसके उन्होंने आईपीएल में 2012 और 2014 में केकेआर की कप्तानी करते हुए ट्रॉफी दिलाई और अपनी कप्तानी का कौशल दिखाया।
सुरेश रैना (2010 –2014) – भारत के लिए बेहतरीन क्रिकेट खेलने वाले सुरेश रैना एक समय भारतीय टीम के सीनियर खिलाड़ियों में से एक थे। इसी वजह से उन्हें एक दो बार टीम की कमान सौंपी गई थी। 2011 विश्व कप के बाद जब सीनियर खिलाड़ियों को आराम दिया गया था तो वेस्टइंडीज दौरे के लिए सुरेश रैना को ही कप्तान बनाया गया था। सुरेश रैना को बांग्लादेश दौरे के लिए भी 2014 में कप्तानी सौंपी गई थी इस दौरान स्टूअर्ट बिन्नी के करिश्माई गेंदबाजी का वो स्पेल याद किया जा सकता है, जिसके बदौलत भारत में 105 रन का छोटा सा डिफेंड कर लिया था
शिखर धवन (2021) – भारतीय टीम के मौजूदा सीनियर खिलाड़ी शिखर धवन 6 वे भारतीय बाएं हाथ के कप्तान होंगे। दिल्ली के इस खिलाड़ी को 2021 जुलाई में श्रीलंका दौरे के लिए कप्तान बनाया गया है। शिखर धवन एक दिवसीय और टी-20 दोनों सीरीज के लिए कप्तान की भूमिका में रहेंगे। साल 2010 मे सीमित ओवरों में डेब्यू करने वाले शिखर धवन 140 से अधिक वनडे और 65 T20I मैच खेले हैं। टीम के अन्य सीनियर खिलाड़ी इंग्लैंड दौरा के लिए चुने गए हैं, इसलिए शिखर धवन को युवा टीम की कप्तानी सौंपी गई है।